देश में अप्रैल के महीने की शुरुआत के साथ ही गर्मी की आशंका देखने को लगी है। देश के कई हिस्सों तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गयी। गर्मी के महीनो में मौसम की स्थिति खराब होने की पूर्वानुमान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लू से निपटने की तैयारी की समीक्षा की और केंद्र ,राज्य तथा जिला स्तर पर सरकारों की सभी अंगों से तालमेल के साथ काम करने काआह्वान किया।
विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया
एक अधिकारी बयान में कहा है कि बयान में कहा कि आवश्यक दवाओं ,तरल पदार्थ ,आइस पैक , ओआरएस को पानी पीने के पानी उपलब्ध के संदर्भ में स्वास्थ्य क्षेत्र में तैयारी की समीक्षा की गई है। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ,गृह सचिव ,भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
अप्रैल से जून की अवधि के दौरान भारत में बहुत ज्यादा गर्मी की संभावना है
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हाल ही में कहा था कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान भारत में बहुत ज्यादा गर्मी की संभावना है। मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीप विश्व में इसका सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि ,भारत के मौसम में वैज्ञानिकों ने मौसम पूर्वानुमान को और अधिक सटीक बनाने के लिए मशीन लर्निंग इस्तेमाल शुरू कर दी है।
मौसम को पूर्वानुमान जताने के लिए व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है
सोशल मीडिया के साथ बातचीत में हाल ही में महापात्र ने कहा था कि ,अगले कुछ वर्षों मेंउभरती प्रौद्योगिकियों संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल की भी पूरक होगी जिनका फिलहाल मौसम को पूर्वानुमान जताने के लिए व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग पंचायत स्तर या 10 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए अवलोकन प्रणाली बढ़ा रहा है।