अधिकतर हिंदू घरों में पूजा अर्चना का काम नियमित रूप से किया जाता है। ऐसे में पूजा के दौरान भोग भी लगाने की परंपरा है। कई लोग मिश्री का भोग लगाते हैं तो कई बूंदी लड्डू का ,कुछ लोग तुलसी का भोग में लगाते हैं। लेकिन कई लोगों को नहीं पता होता कि दरअसल भोग लगाने का सही और गलत तरीका क्या होता है। इसमें अगर आप भी भोग के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते हैं तो बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री से जानिए भोग लगाने का सही तरीका।
इस तरह आप सही भोग लगाकर पूजा का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
बागेश्वर बाबा का कहना है कि कुछ लोग भगवान की प्रतिमा शिवलिंग के ऊपर प्रसाद चढ़ा देते हैं तो बिल्कुल गलत तरीका है। ऐसा करने से प्रतिमा चिपचिपी हो जाती है और इन पर चीटियां और धूल चिपक जाती है। जब भी प्रसाद चढ़ाये या भोग लगाएं तो साफ सुथरी और धुली हुई थाली , गिलास में ईश्वर का भोग लगाना चाहिए।
ऐसा करने से तुरंत फल मिलता है।
भगवान को जब भी भोग लगाए तो इस बात का ध्यान रखें की यह शुद्ध सात्विक है और इनका संपर्क प्याज लहसुन या किसी भी ऐसी चीज से ना हो शुद्ध नहीं होता। जब भी भोग लगाए तो ईश्वर अपने या अपने इष्ट के साथ सामने ध्यान में बैठ जाए और हाथों का प्रणाम की मुद्रा बनाकर 7 मिनट तक इष्ट का ध्यान करें।
जब भोग लगाते समय ईश्वर का जाप मन में या बोल बोल कर जरूर करें। मंत्र का उच्चारण करते हुए भोग लगाना ही सही भोग लगाने का तरीका होता है।
कुछ लोग भगवान को भोग लगाने की तुरंत बाद प्रसाद ग्रहण कर लेते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। भोग देने के कुछ देर बाद ही पर्षद ग्रहण करना चाहिए।