छोटा चार धाम की यात्रा भी देती बड़ा फल ,यहां जाने कौनसे तीर्थ स्थलों की यात्रा है छोटा चार धाम

Saroj kanwar
2 Min Read

हर साल चार धाम की यात्रा का आयोजन वैशाख महीने में होता है। देव भूमि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है इससे यात्रा आसान हो जाती है। चार धाम यात्रा करने से पहले आपके शरीर का पूर्णतया स्वस्थ होना जरूरी है। चार धाम की यात्रा में माइनस डिग्री तक का तापमान तापमान दिल के मरीजों केके लिए घातक सिद्ध हो रहा है।

चार धामों यानी यमुनोत्री ,गंगोत्री ,केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट अलग-अलग तिथियां को खुलते हैं। यमुनोत्री और गंगोत्री के पट दर्शनों के लिए अक्षय तृतीया को खोले जाते हैं जबकि केदारनाथ और बद्रीनाथ की कपाट खोलने की तिथि अलग होती है।

छोटा चार धाम

बद्रीनाथ धाम केदारनाथ ,यमुनोत्री ,एवं गंगोत्री शामिल है। इनकी यात्रा को छोटा चार धाम यात्रा कहते है। बद्रीनाथ में तीर्थ यात्रा की अधिक संख्या और इसके उत्तर भारत में होने के कारण यहां के निवासी यहां की यात्रा को ज्यादा महत्व देते है इसलिए से छोटा चार धाम भी कहते हैं।

बड़ा चार धाम

बद्रीनाथ ,द्वारिका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वर का बड़ा चार धाम कहते हैं। हिंदू धर्म में इसकी यात्रा का खास महत्व है। प्रत्येक हिंदू को अपने जीवन में इन धर्मों की यात्रा जरूर करनी चाहिए।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *