अफ्रीका में संक्रामक बीमारी की प्रकोप के बीच विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि ,नया और घातक M पॉक्सस्ट्रेन – क्लैड 1बी – बच्चों के लिए एक बड़ा खतरा है। इनबॉक्स को 15 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी’ घोषित किया है ‘यह स्ट्रेन 2022 को दुनिया भर में किए गए अनुभव से बिल्कुल अलग है।
2022 का स्ट्रेन क्लैड II से संचालित था जो कम खतरनाक होता है
2022 का स्ट्रेन क्लैड II से संचालित था जो कम खतरनाक होता है यह संक्रमण मुख्य रूप से पुरुषों में देखा गया जिन्होंने अन्य पुरुषों के साथ संबंध बनाए। सबसे डब्ल्यूएचओ 116 देश में एमपॉक्स के कारण 99176 मामले और 208 मौते दर्ज की है। भारत में अब तक कुल 30 मामले पाए गए हैं। इसका आखिरी मामला मार्च 2024 में सामना आया था । अफ्रीका में इस साल मामलों और मौतों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। 2024 में अब तक 15600 से अधिक मामले और 537 मौतें दर्ज दर्ज की गई है। यह नया स्टैंड मुख्य रूप सेक्लैड 1बी के कारण हुआ जो सितंबर 2023 में जानवरों से मनुष्य में फैला था।
पिछले स्ट्रेन में बाल चिकित्सा मामले दुर्लभ थे
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड -19 टास्क फोर्स के साथ अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन आई ए एन एस को बताया कि इस स्ट्रेन के फैलने का पैटर्न 2022 में अनुभव किए गए मामलों से काफी अलग है। उन्होंने कहा इस बार बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल है। परंपरागत रूप से एम् पॉक्स शारीरिक संपर्क या और यौन संपर्क की कारण फैलता है। जैसे की 2022 के स्टेन में देखेंगे तब संक्रमण काफी हद तक पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाली पुरुषों की सीमित था । एक रिपोर्ट के मुताबिक ,पिछले स्ट्रेन में बाल चिकित्सा मामले दुर्लभ थे वहीं मौजूदा समय में इस आयु वर्ग में ट्रेन की संभावनाएं बढ़ रही है।
संभावित रूप से उसके गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ता
फरीदाबाद के अमृता अस्पताल के संक्रामक रोग सलाहकार ,डॉक्टर रोहित गर्ग नेआईएएनएस को बताया , एमपॉक्स बच्चों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। उसको की तुलना में बच्चों के मामले ज्यादा है। उन्होंने कहा हालिया डेट इन मामलों को बाल चिकित्सा में वृद्धि का संकेत दिया है। बच्चों में वयस्कों की समान लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन संभावित रूप से उसके गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ता है।
ई 2024 तक 0 -17 आयु वर्ग वर्ग के 1,156 पर मामले सामने आए थे
WHO के आंकड़ों के अनुसार ,जुलाई 2024 तक 0 -17 आयु वर्ग वर्ग के 1,156 पर मामले सामने आए थे जिनमें 333 0 से 4 आयु वर्ग के थे। रोहित गर्ग के कहने ने कहा , हाल में देखे गए परिवर्तनों में घर और स्कूलों में उच्च संरक्षण दर शामिल है। सतर्क निगरानी और निवारक उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इससे पता चलता है कि हमें संचरण की संभावित के संभावित तरीको के बारे में खुला दिमाग रखने की जरूरत है। जयदेवन ने कहा, इस वर्ष के बीच की क्या संचरण हवा के माध्यम से हो सकता है। उन्होंने कहा कि बात यह है कि, बच्चे आसानी से संक्रमित हो रहे हैं। यहां बताया है कि संपर्क या श्वसन के संक्रमण संक्रमण ,यह दोनों तरीके संभावित रूप से शामिल हो सकते हैं। हालाँकि इसके लिए जांच की आवश्यकता है।