काली खांसी का प्रकोप बच्चों की ले लेता है जान ,लक्षण जानकर तुरंत करा दे इसका इलाज

Saroj kanwar
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काली खांसी जिसे पर्टुसिस कहते हैं जिसे रेस्पिरेटरी में होने वाले संक्रमण के कारण होता है। यह बोर्डेटेला पर्टुसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इसलिए कुछ महीनो में चीन ,अमेरिका ,ब्रिटेन ,फिलिपींस चेक गण राज्य और नीदरलैंड से दुनिया के कई बड़े हिस्सों में काली खांसी के मामले में वृद्धि देखी जा रही है। लोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार टीका विकसित होने से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में काली खांसी बचपन में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण था।

ऐसे में काली खांसी के लक्षण ,कारण और रोकथाम कैसे किया जाए आगे हम आपको बताते हैं।

आपको बता देंगे काली खांसी बहुत संक्रामक होती है और किसी को भी प्रभावित कर सकती है। यह शिशु में गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। कुछ मामले में तेज खांसी के साथ उल्टी भी हो सकती है।

काली खांसी की शुरुआती लक्षण


नाक बहना
खांसी
बुखार
नाक बंद होना
लाल ,पानी भरी आंखे

दो सप्ताह के बाद काली खांसी के लक्षण

गम्हीर खांसी
खांसने के बाद आवाज आना गले से
उल्टी करना
ज्यादा थकान
सांस लेने में परेशानी
काली खांसी पैदा करने वाले बैक्टीरिया की हवा के माध्यम से फैल सकते हैं। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता और छींकता है तो उसके आसपास के लोग संक्रमित हो सकते हैं।

काली खांसी से बचाव के लिए टीका लगवाने सबसे प्रभावित तरीका है इससे बच के लिए बच्चों को का डीटीएपी टिका दिया जाता है।

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