PM Viksit Bharat Rozgar Yojana: भारत सरकार ने देश के युवाओं के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है जो रोजगार के नए अवसर प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगी। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के नाम से शुरू हुई इस पहल का उद्देश्य देश के साढ़े तीन करोड़ युवाओं को लाभान्वित करना है। यह योजना विशेष रूप से उन नवयुवकों के लिए डिजाइन की गई है जो पहली बार निजी क्षेत्र में अपना करियर शुरू करने जा रहे हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाना है बल्कि युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करके उनके जीवन स्तर में सुधार लाना भी है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
प्रधानमंत्री द्वारा पंद्रह अगस्त को शुरू की गई इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को पंद्रह हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। यह राशि उन युवाओं को दी जाएगी जो ईपीएफओ में पंजीकृत कंपनियों में अपना करियर शुरू कर रहे हैं। योजना का कवरेज अवधि एक अगस्त 2025 से शुरू होकर इकतीस जुलाई 2027 तक रहेगी। इस दौरान जो भी नई नौकरियां सृजित होंगी, उनमें काम करने वाले पात्र युवाओं को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
योजना के दो मुख्य भाग
यह योजना दो अलग-अलग हिस्सों में बांटी गई है जो विभिन्न लाभार्थियों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। पार्ट ए के तहत नए कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ दिया जाता है। इसमें पहली बार नौकरी शुरू करने वाले और ईपीएफओ में पंजीकृत कर्मचारियों को पंद्रह हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। वहीं पार्ट बी के अंतर्गत नियोक्ता कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाता है ताकि वे अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करें।
किस्तों में मिलने वाला लाभ
योजना के तहत मिलने वाली पंद्रह हजार रुपये की राशि दो अलग-अलग किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त युवाओं को छह महीने लगातार नौकरी करने के बाद मिलेगी। दूसरी किस्त बारह महीने काम करने और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद प्राप्त होगी। योजना का लाभ केवल उन कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी मासिक सैलरी एक लाख रुपये तक है। इससे अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे।
नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन
योजना के दूसरे हिस्से में नियोक्ता कंपनियों को भी आकर्षक प्रोत्साहन दिया गया है। कंपनियों को हर अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक प्रतिमाह तीन हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों के लिए यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे साल तक भी जारी रहेगा। हालांकि इसकी शर्त यह है कि कर्मचारी का वेतन एक लाख रुपये प्रतिमाह तक हो और वह कम से कम छह महीने तक लगातार नौकरी में बना रहे।
आवेदन की सरल प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना बेहद आसान है। सबसे पहले उम्मीदवारों को श्रम सुविधा पोर्टल पर अपना खाता बनाना होगा। इसके बाद ईपीएफओ कोड प्राप्त करके ईपीएफओ नियोक्ता लॉगिन पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। कंपनियों को एक लाख रुपये तक सैलरी वाले नए कर्मचारियों की नियुक्ति करनी होगी और हर महीने पीएफ अंशदान के साथ ईसीआर रिटर्न दाखिल करना होगा। यह योजना न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगी बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की नवीनतम जानकारी, पात्रता मापदंड और आवेदन प्रक्रिया में समय-समय पर परिवर्तन हो सकते हैं। सटीक और अद्यतन जानकारी के लिए कृपया संबंधित सरकारी विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करें। लेखक इस योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की त्रुटि या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं है।