कर्ज ना चुकाने वालों की खैर नहीं! डिफॉल्टर से पैसा वसूलने की पूरी तैयारी, सरकार ने बैंकों को दिया ये आदेश

Saroj kanwar
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भारत के वित्त मंत्रालय ने बैंकों से ऋण वसूली न्यायाधिकरणों के लंबित मामलों में की प्रावधान के लिए प्रभावी निगरानी सिस्टम स्थापित करने को कहा है। वित्तीय सेवा समिति सचिव एम नागराजू ने DRT और ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण के प्रमुखों के साथ बैठक की जिसमें उन्होंने ने DRT में कुछ सफल तरीकों पर चर्चा की।

डीआरटी में लंबित छोटे और बड़े मामलों के लिए स्पष्ट नीतियां बनानी चाहिए

बैठक में यह भी चर्चा होगी बैंकों को डीआरटी में लंबित छोटे और बड़े मामलों के लिए स्पष्ट नीतियां बनानी चाहिए। सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करने की सुविधा की लंबित मामलों की संख्या कम की जा सके। यह कदम वित्तीय व्यवस्था को मजबूत बनाने और ऋण वसूली की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से कहा कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस का इस्तेमाल करके लोगों को सशक्त बनाने की नई तकनीक को डिजिटल अवसरों की खोज करें।

उन्होंने बताया कि भारत का यूपीआई विश्व के डिजिटल भुगतान का 45% हिस्सा है जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है। अगस्त में UPI से होने वाले लेनदेन में सालाना आधार पर 41% की बढ़ोतरी हुई जो 14.96 अरब लेनदेन तक पहुंच गई है। इसी समय लेनदेन की कुल राशि सालाना की 30% बढ़कर 20.61 लाख करोड़ रुपये हो गई है। हर महीने लगभग 60 लाख नए उपयोगकर्ता UPI से जुड़ रहे हैं, जिसका कारण UPI को क्रेडिट कार्ड से जोड़ना और इसे विदेशी बाजारों में पेश करना है।


आर्थिक और सामाजिक प्रगति


सीतारमण ने कहा कि एक मजबूत बैंकिंग सिस्टम न केवल आर्थिक विकास में मदद करती है, बल्कि सामाजिक प्रगति और पर्यावरणीय स्थिरता को भी बढ़ावा देती है। UPI का यह विस्तार और सफल संचालन लोगों के लिए नए अवसरों का निर्माण कर रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो रही है।

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