दांतों की दिक्कत ऐसी होती है जो चैन से उठना बैठना तक मुश्किल कर देती है। कभी दांत का दर्द सताता है तो कभी सेंसिटिविटी की दिक्कत परेशान कर देती है। दांतों की झनझनाहट की बात करें तो यह कुछ भी ठंडा गरम खाने पर सबसे ज्यादा महसूस होती है। दांतो की ऊपरी परत के क्षतिग्रस्त होने पर भी झनझनाहट बढ़ने लगती है । इसके अलावा दांतों में झनझनाहट के टूथ केविटी की वजह से भी महसूस होती है। ऐसे में अगर आप भी कुछ ठंडा गरम खाने में सिर्फ इसलिए घबराते हैं क्योंकि झनझनाहट होने लगती है तो यहां जानिए किस तरह से झनझनाहट को दूर किया जा सकता है।
दांतों की झनझनाहट को दूर करने के घरेलू उपाय
नमक के पानी से कुल्ला
नमक वाले पानी से कुल्ला करने पर दांतों की झनझनाहट से छुटकारा मिल सकता है। इससे दांतो पर जमा प्लाक साफ होता है जिससे कैविटी की दिक्कत कम होती है और दांतो के बाहरी इनेमल पर प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए नमक के पानी से कुल्ला करने पर टूथ सेंसटिविटी काम हो सकती है।
लौंग का तेल
लौंग का तेल नेचुरल एंड सिंथेटिक की तरह काम करता है और कुछ समय के लिए दर्द से राहत देने में असरदार होता है। लौंग के तेल कुछ बूंदे रुई पर लगाकर रख ले। इस रूई के टुकड़े को सेंसिटिविटी वाले दांत के पास रखे और कुछ देर बाद हटा ले। इससे दांत के दर्द में आराम मिलता है।
हल्दी
हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसकीएंटी-इंफ्लेमेटरी दांतो की कई दिक्कतों को दूर करते हैं। हल्दी को सरसों के तेल के साथ में मिळाले और पेस्ट बनाकर दांतों पर दिन में दो बार लगाने पर झनझनाहट की दिक्कत दूर हो सकती है।
ग्रीन टी
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर ग्रीन टी दांतो की झनझनाहट को दूर करने में असर दिखा सकती है। ग्रीन टी को कप में पका ले और ठंडा करें। जब ग्रीन टी ठंडी हो जाए तो इसे कुल्ला करें इससे सेंसिटिविटी कम होगी ।