High Court: पति की प्रॉपर्टी पर पत्नी के हक को लेकर हाई कोर्ट का फैसला ,अब मृत्यु के पत्नी का पति की प्राप्ती पर इतना अधिकार

Saroj kanwar
3 Min Read

दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में हिंदू विधवाओं की प्रॉपर्टी अधिकारों पर एकअहम् फैसला सुनाया है इस फैसले में की पति की संपत्ति पर पत्नी के अधिकारों को स्पष्ट किया गया। कोर्ट ने ये भी बताया है कि पति की मृत्यु के बाद पत्नी को संपत्ति का जीवन भर इस्तेमाल करने का है। लेकिन इसके कुछ नियम है और शर्तें यहां जानते इस फैसले की अहम बातें।

दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी हिंदू महिला के पास खुद की कोई कमाई नहीं है तो वह अपने पति की संपत्ति का जीवन में इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि यह अधिकार संपत्ति पर पूर्ण स्वामित्व का नहीं होता है। कोर्ट ने कहा की की ,कोर्ट ने कहा कि पति की वसीयत (Will) के अनुसार ही संपत्ति का उपयोग और प्रबंधन किया जा सकता है।

फैसले के अनुसार ,पत्नी को पति की संपत्ति बेचने किसी और को देने या ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं होगा। यदि संपत्ति अन्य उत्तराधिकारी जैसे बच्चे दावा करते हैं तो संपत्ति का बंटवारा वसीयत के अनुसार किया जाएगा। जज प्रतिभा ने कहा कि ऐसी स्थिति में जब किसी महिला के पास आय का स्रोत ना और पति की सम्पति पर रही हो तो पति द्वारा वसीयत में दी गई प्रॉपर्टी उसके जीवन भर की वित्तीय सुरक्षा का साधन बन सकती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि महिला पूरी संपत्ति की एकमात्र मालिक बन जाती है।

मामला क्या था

मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा था पति की मृत्यु के बाद उनकी वसीयत के आधार पर पत्नी को संपत्ति के उपयोग का अधिकार दिया गया। पत्नी 23 साल से संपत्ति में रह रही थी और ट्रायल कोर्ट ने उन्हें संपत्ति का एकमात्र मलिक घोषित कर दिया था। लेकिन इस फैसले को अन्य उत्तराधिकारियों ने चुनौती दी, जिसमें छह बच्चों और एक पोती ने संपत्ति पर अपना दावा जताया। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में कहा की वसीयत की विशेषता की पत्नी को प्रॉपर्टी का उपयोग करने का अधिकार है लेकिन इसे बेचने या ट्रांसफर करने का नहीं। कोर्ट ने कहा कि वसीयत में संपत्ति का बंटवारा पहले से निर्धारित है और उसे ही लागू किया जाएगा।

पति की संपत्ति पर अधिकार कैसे तय होता है?


वसीयत की भूमिका: यदि पति ने अपनी वसीयत में पत्नी के अधिकार को स्पष्ट किया है, तो संपत्ति का प्रबंधन उसी के अनुसार होगा।
अन्य उत्तराधिकारियों का दावा: यदि बच्चों या अन्य उत्तराधिकारियों का दावा है, तो संपत्ति का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत किया जाएगा।
संपत्ति का उपयोग: पत्नी को केवल संपत्ति का उपयोग और उससे होने वाली आमदनी का लाभ उठाने का अधिकार है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *