क्या आपने सोचा है कि प्राचीन भारत में जब बर्फ जमाने का ना तो मशीने होती ना ही उन्हें लंबे समय तक स्टोर कर पाने के साधनतो समय देश में बर्फ का इस्तेमाल कैसे होता होगा। यह कैसे और कहां से आती होगी। कैसे लंबे समय तक रखा जाता है। वैसे आपको बता दें अंग्रेजो के जमाने में बड़े पैमाने में विदेश से समुद्री जहाज से लाई जाती थी।
भारत में बर्फ कैसे आई
भारत में बर्फ कैसे आई। प्राचीन भारत में राजा और महाराजा कैसे इसे मंगवाते थे। फिर मुगल बादशाह कैसे इसका इस्तेमाल करते थे। इसकी कहानी काफी दिलचस्प है।
फिर से गर्मियों के इलाज के रूप में पीते थे
बर्फ का इस्तेमाल हजारों सालों से भोजन को ठंडा करने और संरक्षित करने के लिए किया जाता है। पहले क्योंकि पानी को कृत्रिम रूप से जमाने का कोई तरीका नहीं था। लिहाजा लोग सर्दियों के दौरान पहाड़ों और जल निकायों में प्राकृतिक रूप से बनी बर्फ पर निर्भर रहते थे। राजा महाराजा सम्राट और धनी लोग पहाड़ी से बर्फ के टुकड़े मंगवाते थे। भारत में मुगल बादशाह हुमायूं ने 1500 में कश्मीर से बर्फ को तोड़कर उसकी सिल्लियो का याद करना शुरू किय। फिर मुगल राजा फलों के रस को बर्फ से लड़े पहाड़ों की ओर भेजते थे। वह उन नसों को जमा कर शरबत बनाते थे फिर से गर्मियों के इलाज के रूप में पीते थे।
यह बर्फ सिर्फ गर्मी के मौसम में शरबत के काम आती थी
राजा महाराजाओं के अलावा मुगलों के दौर में बर्फ को पिघलने से रोकने के लिए उसे परसॉल्टपीटर यानी कि पोटेशियम नाइट्रेट छिड़का जाता था। यह बात सही की कुल्फी भारत में मुगल काल से बनना शुरू हुई थी। अकबर के शासनकाल में हिमालय की वादियों से बर्फ लाई जाती थी। इसके लिए हाथी , घोड़ा और सिपाहियों की सहायता ली जाती थी। आगरा से हिमालय पर्वत करीब 500 मील दूर है। बुरादे और जूट के कपड़े में लपेटकर बर्फ को हिमालय से आगरा तक पहुंचाया जाता था दूरी बहुत होने के कारण बर्फ की बहुत बड़ी सिल्ली आगरा पहुंचने पर छोटी सी रह जाती थी। यह बर्फ सिर्फ गर्मी के मौसम में शरबत के काम आती थी।
अंग्रेजों क बर्फ मंगवाने का तरीका बहुत महंगा लगा
सन 1833 में दिल्ली में बर्फ अमेरिका से आयी। जहाज की पेंदे की भार के रूप में बर्फ देखकर अंग्रेजों के दिल बाग बाग हो गए। बर्फ के लिए स्वयं तत्कालीन गवर्नर जनरल ने जहाज की कप्तान को शुक्रिया अदा किया। मुगलों की भांति महाराजा रणजीत सिंह भी हिमालय से बर्फ मंगवाया करते थे। अंग्रेजों क बर्फ मंगवाने का तरीका बहुत महंगा लगा।
बर्फ या पुराने ढंग से आइसक्रीम कई सताब्दियों से बनती रही होगी
उन्होंने दिल्ली में ही बर्फ जमाने का प्रबंध कर लिया। दिल्ली गेट से तुर्कमान गेट खंदके खोदकर उन में नमक मिला पानी भरकर भूसे और टाट की मदद से सर्दियों में बर्फ की पपड़ी तैयार की जाती थी जिसे विशेष गड्ढो से गर्मियों तक सुरक्षित रखा जाता था। रोम का कुख्यात सम्राट नीरो दूरदराज के पहाड़ों से बर्फ मंगवाया करता था। उसमे बेर आदि फल मिलकर उसे खाता था।तेरहवी शताब्दी को में मार्कों पोलो अपनी सुपर प्रसिद्ध चीन यात्रा के बाद वहां से पानी का बर्फ का एक नुश्खा साथ लाए थे। उनके वर्णनों ऐसा से लगता है कि चीन में या बर्फ या पुराने ढंग से आइसक्रीम कई सताब्दियों से बनती रही होगी।