सर्दियों में लोग कार के अंदर हीटर चला कर बैठना पसंद करते है ताकि ठंडी हवाओं से राहत मिल सके। लेकिन इसका असर कार की माइलेज पर भी पड़ता है। हालाँकि ये असर कार के हीटर के प्रकार के आधार पर अलग -अलग हो सकता है। इसके कुछ फैक्टर आप कंसीडर कर सकते हैं।
इंजन लोड
जब आप हीटर को ऑन करते हैं। तब इंजन पर अतिरिक्त लोड पड़ता है। क्योंकि हीटिंग सिस्टम आमतौर पर हवा को गर्म करने के लिए इंजन की गर्मी का उपयोग करता है। इस एडिशनल लोड से इंजन की खपत बढ़ सकती है।
फ्यूल टाइप
कुछ तरह के व्हीकल्स या फ्यूल सिस्टम में हीटर के उपयोग माइलेज पर प्रभाव ज्यादा ध्यान देने लायक हो सकता है। उदाहरण के लिए हीटर का उपयोग करते समय इलेक्ट्रिक कारों की रेंज में ज्यादा कमी का अनुभव हो सकता है। क्योंकि यह पापुलेशन और हीटिंग दोनों के लिए बैटरी पर निर्भर करती है।
इलेक्ट्रिक लोड
आधुनिक कारों में ,हिटर इलेक्ट्रिक लोड में भी कंट्रीब्यूट देता है। क्योंकि ब्लोअर फैन और बाकी कॉम्पोनेंट्स कार की इलेक्ट्रिकल सिस्टम से बिजली खींचते हैं। यह एडिशनल इलेक्ट्रिकल लोड फ्यूल एफिशिएंसी को थोड़ा काम कर सकता है।
ड्राइविंग कंडीशन
यदि आप एक्सट्रीम कोल्ड कंसेशन में गाड़ी चला रहे हैं तो ठंडा तेल और बढ़े हुए एयर डेंसिटी की वजह से आपका इंजन पहले से ही कम एफिशिएंस हो सकता है। हीटर का इस्तेमाल इन प्रभावों को बढ़ा देता है। एक मोटे अनुमान के अनुसार, बहुत ठंडी परिस्थितियों में हीटर का लगातार प्रयोग करने से ईंधन दक्षता में लगभग 5 से 10 परसेंट या उससे भी अधिक की कमी हो सकती है।
हिटर सिस्टम की एफिशिएंसी
नई कारें तो ज्यादा एफिशिएंट हीटिंग सिस्टम के साथ आती है। उनका फ्यूल एफिशिएंसी पर असर पुरानी कारों की तुलना में काम हो सकती है। वहीं कुछ कार एडवांस्ड सिस्टम के साथ आते हैं जो केवल कार के कुछ हिस्सों से अलग तरह से गर्म करते हैं जिससे इंजन पर ओवर और लोड काम करता होता है।
मेंटेनेंस
कार की हीटिंग सिस्टम के रेगुलर मेंटेनेंस जैसे हेयर फिल्टर को चेक और रिप्लेस और ऑप्टिमल एफिशिएंसी को निश्चित किया जा सकता है और माइलेज पर असर को कम किया जा सकता है ।
हीटर का उपयोग आपकी पूरी कार की माइलेज को कुछ हद तक प्रभावित कर सकता है। लेकिन ज्यादातर लोग आराम और सुरक्षा को प्राथमिकता देना पसंद है। खासकर ठंड के मौसम है जो की एक ठीक बात भी है ,बाकी हीटर का इस्तेमाल आपकी जरूरत पर भी निर्भर करता है।