भाजपा ‘मिला क्या ‘केम्पेन में सोरेन सरकार के किये गए सारे वादों की पोल खोलने की कर रही है तैयारी

Saroj kanwar
4 Min Read

झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी है। भाजपा ने “मिला क्या” के नाम से एक महत्वपूर्ण चुनावी अभियान शुरू किया है। यह अभियान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड में मुक्ति मोर्चा सरकार के प्रदर्शन की जांच करता है। जिसमे उनके कार्यकालके दौरान किए गए वादों हासिल किये गए परिणाम के बीच में अंतर पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

भाजपा का ‘मिला क्या’ अभियान झामुमो सरकार द्वारा किए गए चुनाव 2019 समानता का आकलन कर उसे उजागर करने का प्रयास करता है। भाजपा का लक्ष्य वर्तमान प्रशासन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाना है और उन क्षेत्र को उजागर करना है जहां अपेक्षाएं पूरी नहीं हुई है। यह चुनावी अभियान सोरेन और उनकी सरकार द्वारा किए गए प्रमुख वादों का मूल्यांकन करने इर्द-गिर्द संरचित है है इस कैंपेन के जरिए भाजपा को यह बताने का प्रयास कर रही है किसोरेन सरकार ने कौन सी प्रतिबद्धताएँ पूरी की और या कौन सी पूरी नहीं हुई हैं।

मिल क्या अभियान के फोकस के प्रमुख क्षेत्र

युवाओं के लिए रोजगार -सोरेन की सरकार ने पहले वर्ष की भीतर के लिए एक लाख नौकरी में प्रदान करने का वादा किया था। भाजपा ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि यह प्रतिबद्धता काफी हद तक अभी तक पूरी नहीं है क्योंकि अभी तक भी युवा बेरोजगार ही घूम रहा है। अभियान के इस पहलू का उद्देश्य पर्याप्त रोजगार सृजन की कमी और युवाओं की संभावना पर पड़ने वाले प्रभाव को रेखांकित करना है।

निशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा –अभियान का लक्ष्य सभी के लिए निशुल्क शिक्षा स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का वादा भी है। भाजपा का मानना है कि कुछ पल शुरू की गई है लेकिन यह बात वे वादे के अनुसार व्यापक कवरेज नहीं दे पा रही हैं।

कृषि ऋण माफ़ी – सोरेन को ₹200000 के कृष्ण ऋण माफी करने का वादा एक और केंद्र बिंदु है। भाजपा की ओर से बताया गया है कि प्रदान की गई वास्तविक राहत 50000 तक सीमित है जो किसानों पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की ईमानदारी पर सवाल उठाती है।

भ्रष्टाचार मुक्त शासन -एक प्रमुख वादा भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करता है। भाजपा का अभियान भ्रष्टाचार के चल रहे आरोपों और विवादों को सामने लाना है। सरकार की विश्वसनीय और पारदर्शिता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को कमजोर करते है।

शराब प्रतिबंध – झारखंड में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध का वादा आंशिक रूप से लागू किया गया। केवल कुछ खास क्षेत्र में प्रतिबंध लगाया। भाजपा से सरकार की प्रतिबद्धता अपनी परीक्षाओं को पूरी तरह से पूरा करने में विफलता के उदाहरण के रूप में उजागर करती है।

भूमि कानून संशोधन: आदिवासी भूमि के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति देने के उद्देश्य से भूमि कानूनों में संशोधन के लिए सोरेन के विरोध की भी जांच की जाती है। भाजपा का तर्क है कि यह मुद्दा अभी भी अनसुलझा है, जिससे भूमि अधिकारों के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *