Sundarkand Path:  सुंदर कांड के इस दोहे से हनुमान जी होंगे प्रसन्न, दिन में इतनी बार करें जाप 

Saroj kanwar
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Sundarkand Path : आज के समय में ज्यादातर लोग हनुमान जी के ज्यादा भक्त है. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हर रोज सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए. बहुत से लोगों को सुंदर कांड का पाठ मुंह जुबानी आता है.

मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है. इससे व्यक्ति पर विशेष कृपा  होती है.

आज हम आपको सुंदर कांड के पाठ की दोहे और चौपाई के बारे में बता रहे है जिससे मनोरथ सिद्ध होते है. इसके जाप से हर संकट दूर होते है.

सुंदर कांड में एक दोहा है ‘जब लगि आवौं सीतहि देखी, होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी, यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा, चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा’ इस दोहा दर्शाता है कि जब हनुमान जी महाराज माता सीता की खोज में जाते हैं और भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति को दर्शाया गया है. 

जब लगि आवौं सीतहि देखी, होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी…

इस दोहे का अर्थ है कि जब हनुमान माता सीता की खोज में जाते है तो वहां जामवंत और समस्त वानर सेना से कहते हैं कि जब तक हम सीता जी को खोज कर नहीं आते, तब तक वापस नहीं आएंगे. साथ ही हनुमान कहते है कि मेरे लिए ये कार्य सौभाग्य की बात है. 

यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा, चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा…

इसका मतलब है कि हनुमान जी नमन करते हुए अपने मंजिल की तरफ चल पड़ते हैं और अपने हृदय में धारण कर सीता की खोज में निकल पड़े. इस दोहे का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. 

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