अगर बिना बैटरी सोलर सिस्टम लगा लिया तो क्या होगा , यहां जाने इसके बारे में सब कुछ

Saroj kanwar
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सोलर एनर्जी सूर्य से मिलने वाली एनर्जी जो नेचुरल तरीके से हमें मिलती है और इस एनर्जी का उपयोग आज के समय में बिजली पैदा करने के लिए काफी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इनमें कुछ सालों में इस नेचुरल और एनिमल सोर्स का उपयोग सोलर पैनलों के उपयोग से किया जा रहा है जिससे सोलर सिस्टम की डिमांड पर काफी सर्च कर देखने को मिलता है।

आज बाजार में कई टाइप के सोलर पैनल सिस्टम अवेलेबल है। इसका उपयोग करके आप अपनी बिजली के बिलों की भी काम करने में बिना कार्बन एमिशन की अपनी बिजली के नेट को पूरा कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कैसे आप भी सोलर सिस्टम को बिना बैटरी लगा सकते हैं।

सोलर सिस्टम में सोलर पैनल सिस्टम का सबसे इंर्पोटेंट कॉम्पोनेंट है

एक सोलर सिस्टम में सोलर पैनल सिस्टम का सबसे इंर्पोटेंट कॉम्पोनेंट है। इसमें एक सोलर इनवर्टर का उपयोग भी किया जाता है। सोलर पैनल्स एंड लाइट को बिजली में कन्वर्ट करते हैं जिसमें डायरेक्ट करंट के फॉर्म में बिजली पैदा होती है। फिर सोलर इनवर्टर पैनल से प्राप्त डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटिंग करंट में कन्वर्ट करता है जिससे आप अपनी बिजली की इक्विपमेंट को ऑपरेट कर सकते हैं।

सोलर पैनल प्रदूषण पर पैदा किए बिना इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करते हैं जिससे पर्यावरण के लिए काफी लाभदायक बन जाते हैंयह था एक ऑन-ग्रिड सिस्टम जिसमे पावर बैकअप का उपयोग नहीं किया जाता है। वही ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम में पावर बैकअप के लिए बैटरी का उपयोग किया जाता है।

बैटरी को ऐड करने से सिस्टम की कॉस्ट और भी ज्यादा बढ़ जाती है

बैटरी को ऐड करने से सिस्टम की कॉस्ट और भी ज्यादा बढ़ जाती है। इन एक ऑन ग्रिड सिस्टम बैटरी के न होने पर काफी की फायदे बन जाता है। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी की आवश्यकता नहीं होती है। सोलर पैनल द्वारा जनरेट की गई बिजली ग्रिड के साथ शेयर की जाती है। इस कंजूमर ग्रिड पावर पर निर्भर करता है और शेयर की गई बिजली की कैलकुलेशन करने के लिए एक नेट मीटर लगाया जाता है । यह सिस्टम सरकारी सब्सिडी के लिए भी एलिजिबल होता है। ऐसे सिस्टम के लिए ट्रांसफॉर्मर-लेस इन्वर्टर का उपयोग किया जाता है।

सोलर पैनल को सीधे इनवर्टर से कनेक्ट करता है

यह एक एडवांस टाइप का इनवर्टर है जो सोलर पैनल को सीधे इनवर्टर से कनेक्ट करता है। इनवर्टर डीसी पावर को AC में कन्वर्ट करता है जिसका उपयोग घर की डिवाइस को पावर देने के लिए किया जा सकता है। पीएम सोलर रूफटॉप योजना के माध्यम से आप 1 किलोमीटर से लेकर 10 किलो वाट तक के ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के लिए सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए अपने लोकल डिस्कॉम के साथ रजिस्टर वेंडर से सोलर इक्विपमेंट खरीदना जरूरी है।

वेंडर की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर ली जा सकती है। इस योजना के अनुसार 1 किलो वाट सिस्टम के लिए 30000 की सब्सिडी 2 किलो वाट सिस्टम के लिए 60000 की सब्सिडी और 3 किलोवाट से 10 किलोवाट के बीच ₹78,000 की सब्सिडी प्रोवाइड करी जाती हैं। सरकारी सब्सिडी का उपयोग करके आप सोलर सिस्टम पर लगने वाली कॉस्ट को काफी कम कर सकते हैं।

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