मुंबई में बने टाटा मेमोरियल सेंटर के कैंसर से जंग में औषधीय पौधों की भूमिका जानने के लिए अश्वगंधा जैसे लगभग 500 से अधिक हर्ब्स को फॉर्म में उगने की तैयारी में है। टीएमसी इसके साथ 100 बेड वाला रिसर्च का हॉस्पिटल भी बनाने वाला है। जहां कैंसर के मामलों में इन औषधीय पौधे के प्रभाव को टेस्ट किया जाएगा।
टीएमसी पहले भी ट्रेडिशनल प्रेक्टिस को लेकर एक्सपेरिमेंट करता है
टीएमसी पहले भी ट्रेडिशनल प्रेक्टिस को लेकर एक्सपेरिमेंट करता है इस योग में योग से बॉडी की इम्युनिटी बढ़ाने और ऑपरेशन के बाद फास्ट रिकवरी को लेकर की गई स्टडी मुख्य है। हर्ब्स को उगाना इसका मेडिकल ह्यूमन ट्रायल का इसका आईडिया कोई नया नहीं है। इसे 2018 में डॉ विक्रम गोटा के अनुसार में अश्वगंधा की टेस्ट से शुरू किया था जिसके पॉजिटिव रिजल्ट को देखते हुए टीएमसी कैंसर को खत्म करने में जड़ी बूटी की भूमिका को समझने के लिए बड़े स्तर पर टेस्टिंग करने की तैयारी है ।
डॉक्टर गोटा जो नवी मुंबई में टीएमसी के एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट रिसर्च एंड एजुकेशन एंड कैंसर में क्लिनिकल फार्मोकोलॉजी के प्रोफेसर और हेड है। यह अपनी टीम के साथ काफी समय से अश्वगंधा में मौजूद एक्टिव कंपाउंडविथेफेरिन-ए की सेफ्टी और इफेक्टिवेनेस को स्टडी कर रहे थे जिसके रिजल्ट मैं बोन मैरो ट्रांसप्लांट मरीजों में मृत्यु दर के 50% तक कम होने की संभावना नजर है।
संरक्षण और कैंसर के इलाज में दवा के रूप में उसे किया जाएगा
इतना ही नहीं डॉक्टर गोटा और उनके टीम द्वारा तैयार किए गए रिसर्च पेपर से माना जा सकता है कि अश्वगंधा और हल्दी में एंटी कैंसर गुण होते हैं। पीएमसी ने कैंसर के इलाज के लिए सैकड़ो ने औषधीय पौधों को जांचने के लिए खोपोली में 300 करोड़ रुपए की इंटीग्रेटिव सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर की स्थापना की है ,जहां 20 एकड़ पर 500 से अधिक औषधीय पौधों को खाया जाएगा। इसके साथ टीएमसी देश का इकलौता कैंसर हॉस्पिटल बन जाएगा जहां औषधीय पौधों को उगाने से लेकर इनके संरक्षण और कैंसर के इलाज में दवा के रूप में उसे किया जाएगा।