Paddy Direct Sowing Scheme :धान की सीधी बिजाई मशीन पर भारी सब्सिडी, आवेदन करने की आखिरी तारीख नजदीक 

Saroj kanwar
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Paddy Direct Sowing Scheme: हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में एक और बड़ी पहल की है। गिरते भूजल स्तर को रोकने और धान की खेती में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसानों को सीधी बिजाई (DSR) पद्धति अपनाने का आग्रह किया है। इस तकनीक से खेती करने वाले किसानों को अब ₹4500 प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

जल संरक्षण के लिए DSR तकनीक को बढ़ावा

धान की पारंपरिक रोपाई में अत्यधिक पानी की खपत होती है। जिससे भूजल स्तर तेजी से गिरता है। Direct Seeding of Rice (DSR) तकनीक में धान की सीधी बिजाई की जाती है, जिससे पानी की बचत के साथ साथ लागत में भी कमी आती है। सरकार इसी को बढ़ावा देने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता दे रही है।

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 10 जुलाई

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने यह साफ किया है कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को 10 जुलाई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा। आवेदन agri-haryana.gov.in पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।

DSR मशीन की खरीद पर सब्सिडी

जो किसान DSR मशीन खरीदना चाहते हैं। उन्हें सरकार मशीन के कुल मूल्य पर 50 प्रतिशत या अधिकतम ₹40,000 तक की सब्सिडी देगी। यह अनुदान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। यह सुविधा केवल उन्हीं किसानों के लिए है जो पहले से मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत हैं।

ये दस्तावेज़ होंगे जरूरी

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेज़ जमा करने होंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • मेरी फसल-मेरा ब्योरा रजिस्ट्रेशन
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • परिवार पहचान पत्र
  • बैंक खाता विवरण
  • ट्रैक्टर की वैध आरसी
  • यदि अनुसूचित जाति से हैं तो जाति प्रमाण पत्र

बिना इन दस्तावेजों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

DSR मशीन कहां से लें?

जो किसान स्वयं मशीन नहीं खरीद सकते। उनके लिए सहायक कृषि अभियंता कार्यालयों में भी सीमित संख्या में DSR मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। किसान वहां से उधार या उपयोग के लिए मशीन ले सकते हैं। यह सुविधा भी पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर मिलेगी।

भूजल स्तर सुधारने की दिशा में बड़ा कदम

प्रदेश में लगातार गिरते भूजल स्तर ने प्रशासन और किसानों दोनों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। DSR तकनीक से पानी की 20 से 30 प्रतिशत तक बचत संभव है। यही कारण है कि सरकार इसे व्यापक रूप से अपनाने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन दे रही है।

पर्यावरण संरक्षण और मुनाफा दोनों

सीधी बिजाई की तकनीक न केवल पर्यावरण के अनुकूल है। बल्कि इससे किसानों को अधिक लाभ भी होता है। पानी की बचत, लेबर की लागत में कमी, समय की बचत और मिट्टी की सेहत बनाए रखना इसके प्रमुख लाभ हैं। यह योजना किसानों को लाभदायक खेती की ओर प्रेरित कर सकती है।

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