आयुर्वेद के अनुसार ,डायबिटीज के मरीजों के लिए कुछ विशेष योग करने में लाभकारी हो सकते है। इन योगासनों के जरिए अपने ब्लड शुगर लेवल को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। डायबिटीज जो एक साइलेंट किलर है ,आपकी सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है इसे सही तरीके से कंट्रोल नहीं किया गया तो इसकी गंभीर परिणाम हो सकते है। इसलिए अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है । आईए जानते कुछ ऐसे योग के बारे में जो डाइबिटीज मरीजों के लिए लाभकारी हो सकते हैं। बेहतर परिणामों के लिए इन योगासनों का रोजाना अभ्यास करना सुनिश्चित करें।
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन जिसे ‘वायु रिलीज आसन भी कहते हैं। ये डायबिटीज को कंट्रोल करने में कारगर साबित हो सकता है। यह आसान शरीर में रक्त संचार को सुधारने पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है।
पवनमुक्तासन के फायदे
ब्लड शुगर नियंत्रित
नियमित अभ्यास से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
पाचन में सुधार
यह आसन पाचन तंत्र को सक्रिय करता है। जिससे शरीर में शर्करा का सही रूप से अवशोषण होता है।
तनाव में कमी
मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। जो डायबिटीज के लक्षणों को बढ़ाता सकता है।
सर्वांगासन
सर्वांगासन जिसे ‘सोल्डर स्टैंड ‘भी कहते हैं। डायबिटीज के को रोकने में काफी फायदेमंद है। यह आसन शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने ,अंगों को सशक्त और तनाव को कम करने में करते हैं।
ब्लड शुगर नियंत्रित
यह आसान शरीर को हार्मोन संतुलन को सुधारता है जिसे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करने में मदद करती है।
थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करता है यह ग्रंथि कोउत्तेजित करके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।
उत्तानपादासन
उत्तानपादासन, जिसे “उठे हुए पैर का आसन” कहा जाता है, डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत प्रभावी साबित हो सकता है। यह आसन केवल मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद नहीं करता, बल्कि इसके साथ ही कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी देता है।
उत्तानपादासन के फायदे
ब्लड सर्कुलेशन में सुधारी
यह आसन पैरों में रक्त संचार को बेहतर बनाता है जिससे अंगों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है।
पेट की मांसपेशियों को मजबूत करना
ये आसन पेट की मांसपेशियों को टोन करता है जोमेटॉबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करती है।
तनाव और चिंता में कमी
नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है, जो डायबिटीज के प्रबंधन में सहायक हो सकता है।