महाराष्ट्र साम्राज्य सभा राजेश अपने कई 100 साल पुराने ऐतिहासिक किलों के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। महाराष्ट्र के कई प्रसिद्ध किलो में से अधिकांश के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके मराठा समाज द्वारा बनाए गए थे। आपको बता दे की महाराष्ट्र में लगभग देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में पर्यटकों का इतिहास और प्रेमियों और वास्तुकला उत्साही लोगों को आकर्षित करते हैं। महाराष्ट्र के प्रमुख किले में अपने अटूट विश्वाश ,स्थापत्य सुंदरता के साथ-साथ मनमोहक दृश्यों के कारण ट्रैकिंग जैसे एडवेंचर्स एक्टिविटीज के लिए भी फेमस है। आज हम महाराष्ट्र के कुछ किलो के बारे में बताते हैं जहां जहां पर आपको महाराष्ट्र से जुड़े इतिहास के बारे में पता चलेगा ।
रायगढ़ का किला
महाराष्ट्र में सहयाद्री पर्वत श्रृंखला में 820 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रायगढ़ किला महाराष्ट्र का प्रमुख किला है। रायगढ़ किले का वास्तविक निर्माण 1030 के दौरान चंद्र रावमोर्स द्वारा करवाया गया था। जिस दौरान किले को ‘रहरी के किले’ के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1656 में यह किला छत्रपति शिवाजी महाराज के अधीन आ गया जिसके बाद उन्होंने किले का नवीनीकरण विस्तार करके इसका नाम बदलकर ‘रायगढ़ किला’ रख दिया जो आज भी उनकी वीर गथायों से गुजं रहा है। महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध किलो में शामिल है । यह किला मराठों के लिए गर्व का प्रतीक है जो उनकी बहादुरी और साहस की याद दिलाता है। रायगढ़ किला सिर्फ एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल नहीं है तीर्थ यात्रा का भी पवित्र स्थान है जिसमें छत्रपति शिवाजी द्वारा पोषित हिंदवी स्वराज्य की भव्य दृष्टि की छाप है।
लोहागढ़ किला -खंडाला
लोहागढ़ किला समुद्र तल से 3400 फीट की ऊंचाई पर स्थित यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल और महाराष्ट्र प्रमुख ऐतिहासिक धरोहर में से एक है। महाराष्ट्र का प्रसिद्ध किला पुणे से लगभग 52 किलोमीटरऔर लोनावाला हिल स्टेशन से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। महाराष्ट्र के प्रमुख किलो में से एक लोहागढ़ का किला 18वीं शताब्दी का किला जो की ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ अलग-अलग समय में कई राजवंशों के लिए शक्ति का प्रमुख केंद्र रहता है। लोहागढ़ का किला अपने आप में एक विशाल संरचना है जो कभी शक्तिशाली मराठा साम्राज्य की नियंत्रण में था । माना जाता है छत्रपति शिवाजी महाराज अपना खजाना रखते थे।
जयगढ़ फोर्ट
विक्ट्री ऑफ़ फोर्ट” या “विजय का किला”के नाम से जाने वाला जयगढ़ फोर्ट महाराष्ट्र के प्रमुख किलो में से एक है। जयगढ़ गांव के पास और गणपतिपुले के उत्तर-पश्चिम में लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, जयगढ़ किले के अवशेष जयगढ़ क्रीक की ओर एक चट्टान पर स्थिर हैं जहां शास्त्री नदी की विशाल और मंत्र मुग्ध करने वाले अरब सागर भी प्रवेश करती है । महाराष्ट्र की प्रमुख ऐतिहासिक धरोहर माने जाने वाले इस किले का निर्माण 16वीं शताब्दी में बीजपुर संचालक द्वारा किया गया था।
मुरुद जंजीरा किला
मुरुद जंजीरा किला महाराष्ट्र के तटीय गांव मुरुद के एक द्वीप पर स्थित एक शक्तिशाली किला है। माना जाता है कि मुरुद जंजीरा किला लगभग 350 वर्ष पुराना है जिसका निर्माण में 22 वर्ष का समय लग गया था। जंजीरा किला की ऊंचाई समुद्र तट से लगभग 90 फीट है जबकि इसकी नींव की गहराई लगभग 20 फिट है । यह जानकर आपको हैरानी होगी कि मारू जंजीरा की लंबाई सुरक्षा चौकियों के साथ-साथ 22 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। महाराष्ट्र का ये किला प्रसिद्ध किलाविस्मयकारी है जो अपने रोचक तथ्यों, ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
कोलाबा किला
अरब सागर के पानी से घिरा हुआ “कोलाबा किला या अलीबाग फोर्ट” अलीबाग का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल और महाराष्ट्र का प्रमुख किला है। महाराष्ट्र के प्रसिद्ध किले Maharashtra Ke Sabse Prsidh Kile) में शामिल कोलाबा फोर्ट एक 300 साल पुराना किला है, जो कभी शिवाजी महाराज के शासन के दौरान मुख्य नौसेना स्टेशन था। इस वजह से किले को राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के रूप में भी घोषित किया गया है।
किले के अंदर की दीवारें, जानवरों और पक्षियों की नक्काशी जैसे ऐतिहासिक कलाकृतियों और अवशेषों से युक्त है, किले के अन्दर प्राचीन मंदिर भी मौजूद है, जिन्हें आप कोलाबा फोर्ट की यात्रा में देख सकेगें। इनके साथ साथ किले के उपर से अरब सागर के सुंदर दृश्यों को देखा जा सकता है, जो टूरिस्ट को काफी अट्रेक्ट करते है।