गो वंश संरक्षण के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है जिसमे गाय के रहने के स्थान के साथ चारा और गोमूत्र ,गोबर की व्यवस्था कर रही है।
गाय पालन कमाई का एक अच्छा विकल्प है लेकिन कुछ देसी गाय भी होती है जिनका पालन सभी नहीं करते है और वह सड़कों पर दिखाई पड़ती है। लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य सरकार जो वंश संरक्षण को लेकर काम कर रही है लगातार गोवंश का पालन करने वालों को लाभ दिया जा रहा है। जिसमे मुख्यमंत्री सह भागिता योजना के लाभार्थियों को ₹1500 हर महीने गाय के चारे के लिए दिया जाएगा। पहले यह राशि ₹30 थी जो की अब ₹50 कर दी गई है यानी की 1 दिन में ₹50 मिलेगा।
इस तरह से अब पशुपालकों को चारे के लिए अधिक राशि दी जाएगी। इसी जो वंश संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत करीब 1,05,139 लाभार्थी ऐसे है, जिन्हे 1,62,625 निराश्रित गोवंश सुपुर्द की सुविधा मिली है। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना इसलिए चल रही है जो निराश्रित गायों को गोद ले रहे हैं उनकी आज़ीविका में सुधार हो और गौवंश का कल्याण हो। जो लोग इस योजना से जुड़कर गायों की देखभाल करते हैं उनकी आय में वृद्धि हो सकती है।
हरे चारे को साइलेज बनाने का परीक्षण
पशुपालक अपनी गाय को हरे चारे का साइलेज भी खिला सकते हैं। जैसे कि गर्मियों में हरा चारा नहीं मिलता है उस समय किसान साइलेज का इस्तेमाल कर सकते हैं। राज्य सरकार पशुपालकों को साइलेज बनाने की तकनीकी का प्रशिक्षण देगी इतना ही नहीं भारतीय चरण अनुसंधान संस्थान झांसी के द्वारा चारा उगाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा जिसमें नया हरा चारा की किस्म की जानकारी मिलेगी।
गोबर और गोमूत्र से बनाए जाएंगे उत्पाद
पशुपालन गाय के गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे खेती के लिए खाद और कीटनाशक बना सकते हैं। इतना ही नहीं राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को गोबर और गोमूत्र से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने के लिए तकनीकी विकास के लिए प्रशिक्षण देगी। इस तरह पशुपालको को बड़ा फायदा हो रहा है।