लों को देख पिछले कुछसालो से देखे तो डीजल कारो को लेकर दुनिया की सरकार सख्त हुयी है। कई देशों ने अपने यहां डीजल कारोंको 5 से10 साल बंद करने का प्रमाण भी जारी कर दिया। वहीं भारत सरकार ने डीजल कारों पर सख्ती दिखा रही है। डीजल कारो के बारे में आने वाले समय उनकी बकरी बिक्री हो सकती हैं। एक नजरिये से देखे तो यह सच भी है क्योंकि सरकार इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों की बिक्री बढ़ाने के लिए सब्सिडी दे रही है। दूसरी और सरकार की ऐसी कोई नीति नहीं है जो डीजल कारों की बिक्री को प्रोत्शाहन दे। ऐसे में कहा जा सकता है इन डीजल कारो के लिए बहुत कम समय बचा है।
टाटा ,महिंद्र ,हुंडई, टोयोटा, किया समेत कई कंपनी डीजल कारें बेच रही है
हालाँकि इसके बाद भी टाटा ,महिंद्र ,हुंडई, टोयोटा, किया समेत कई कंपनी डीजल कारें बेच रही है। इसकी बिक्री अच्छी होने की प्रमुख वजह है जिनके बारे में हम बात करेंगे।
कई प्रतिबंधो और अधिक टैक्स के बावजूद मार्केट में आज भी डीजल गाड़ी अच्छी संख्या में कारें बिक रही है । इसकी वजह से डीजल कारों की का पेट्रोल की तुलना में अधिक माइलेज है इससे इनमे ईंधन की लागत कम होती है। दूसरी वजह अधिक इंजन पावर का होना है। समान मॉडल की एक डीजल कार और अपने पेट्रोल मॉडल की तुलना में अधिक पावर ऑटो जेनरेट करती है। बड़ी और भारी गाड़ियों में कंपनियां अक्सर डीजल इंजन का इस्तेमाल करती है। इसके अलावा डीजल इंजन अधिक टीका और लंबे समय तक चलेगा।
इन वजह से होती है डीजल कारो की आलोचना
दरअसल डीजल कारें पावरफुल होती है लेकिन पेट्रोल की तुलना में अधिक प्रदूषण फैलाती है। डीजल कार की धुंए से अधिक मात्रा में पार्टिकुलेट मैटर और कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है । इस वजह से दिल्ली एनसीआर में देश 10 साल से पुरानी गाड़ियों को बैन कर दिया गया है।
क्या है डीजल कारों का भविष्य
सरकार प्रदूषण मुक्त भविष्य की तरफ कदम बढ़ा रही है। इस वजह से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों को अधिक प्रमोट किया जा रहा है । आने वाले समय में हाइब्रिड कारों पर जोर दिया जा रहा है जिसमें ईंधन से चलने वाले इंजन के साथ इलेक्ट्रिक मोटर लगा होता है। यह गाड़ियां बहुत कम प्रदूषण पैदा करती है इसके अलावा बायोडीजल से चलने वाली गाड़ियों पर भी जोर दिया जा सकता है। बायोडीजल एक जैव इंजन है जिसके चलने से डीजल के मुकाबले बहुत कम प्रदूषण होता है।