आज के समय सोलर पैनल का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। सोलर सिस्टम नागरिकों को सोलर एनर्जी का उपयोग और इस इलेक्ट्रिक एनर्जी बदलता है जो लॉन्ग टर्म से सस्टेनेबल पावर सॉल्यूशन प्रोवाइड करता है। सोलर सिस्टम में सोलर पैनल सोलर एनर्जी को डायरेक्ट करंट कन्वर्ट करने का काम करती है। एनवायरमेंट फ्रेंडली होती है जिससे कोई प्रदूषण नहीं होता है। इसी वजह सरकार में सोलर सिस्टम डिवाइस करने के लिए सब्सिडी प्रोवाइड करती है। इस आर्टिकल टाटा का सबसे बड़ा सोलर सिस्टम के बारे में बात करें और जानेंगे इस इंस्टॉल करने में कितना खर्च आता है ।
इनवर्टर का उपयोग करके अल्टरनेटिव करंट में कन्वर्ट किया जाता है
टाटा से 10 kw सोलर सिस्टम लगवाने से पहले आप डेली पावर की लोड की जानकारी लेनी जरूरी है। अगर आपका घर का डेली पावर लोड 40 से 50 यूनिट बिजली की कंसम्पशन करता है तो 10 किलो वाट का सोलर सिस्टम अच्छा रहेगा। यह सिस्टम अच्छा मौसम की स्थिति के आधार पर हर दिन 40 से 50 मिनट बिजली जनरेट कर सकता है । सोलर पैनल डायरेक्ट करंट के फॉर्म में बिजली की जनरेट करते हैं जिससे फिर से इनवर्टर का उपयोग करके अल्टरनेटिव करंट में कन्वर्ट किया जाता है।
ऑन ग्रिड सिस्टम इनस्टॉल कर सकते हैं
अगर आपके पास एक स्टैंडर्ड इनवर्टर है तो आप इसे MPPT और PWM टेक्नोलॉजी में अवेलेबल सोलर चार्ज कंट्रोलर का उपयोग करके सोलर इनवर्टर में कन्वर्ट किया जा सकता है। जनरेट की गई बिजली को स्टोर करने के लिए आप सोलर बैटरी का उपयोग कर सकते हैं। अगर आप सोलर बैटरी का उपयोग नहीं करना चाहते हैं तो आप अपने बिजली के बिलों को कम करने या खत्म करने के लिए ऑन ग्रिड सिस्टम इनस्टॉल कर सकते हैं।
एक कंज्यूमर 10 किलो वाट का सोलर सिस्टम इनस्टॉल कर सकता है
एक कंज्यूमर 10 किलो वाट का सोलर सिस्टम इनस्टॉल कर सकता है। ऑफ ग्रिड और ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल ,सोलर इनवर्टर, सोलर चार्जर कंट्रोलर और सोलर बैटरी का इस्तेमाल होता है जबकि ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी का इस्तेमाल नहीं होता है इसे पैदा होने वाली बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रेड के साथ शेयर किया जाता है। 10 किलो वाट सोलर सिस्टम इनस्टॉल करते समय सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आप सरकारी योजनाओं के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
3 किलो वाट कम कैपेसिटी वाले सोलर सिस्टम को 40% सब्सिडी मिलती है
सोलर रूफटॉप योजना के तहत 3 किलो वाट कम कैपेसिटी वाले सोलर सिस्टम को 40% सब्सिडी मिलती है जबकि3 किलोवाट से कम कैपेसिटी वाले सोलर सिस्टम को 40% सब्सिडी मिलती है जबकि 3 किलोवाट से 10 किलोवाट के बीच के सिस्टम को 20% सब्सिडी मिलती है। सोलर सिस्टम के लिए क्वालीफाई प्राप्त करने के लिए सिस्टम को ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के रूप में इंस्टॉल किया जाना चाहिए जहां जनरेट की गई बिजली ग्रिड के साथ शेयर की जाती है। इससे न केवल फाइनेंसियल बेनिफिट मिलता है बल्कि इंस्टालेशन कॉस्ट भी कम होती है।