भारत में बढ़ते ऊर्जा स्रोतों विशेष रूप से सौर ऊर्जा के उपयोग से आज कई लोग अपने घरों की बिजली की लागत को कम करने में सफल हो पा रहे है। इसमें सोलर पैनल और उससे जुड़े उत्पादों से लोकप्रिय विकल्प में से एक है। सोलर पैनल हमेशा से बिजली उत्पादन के लिए सूर्य की प्रकाश पर निर्भर होते हैं। लेकिन वह बढ़ोतरी तकनीकी और उसके निरंतर सुधार होने के कारण रात में भी बिजली पैदा कर सकेंगे। आज के समय में सोलर पैनल तकनीक में नवाचार भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र को बदलकर रख देने की ताकत रखता है।
मुख्या हाइलाइट्स
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ये उन्नत सोलर पैनल को विकसित किया है जो सूर्य के प्रकाश के बिना भी ऊर्जा का दोहन कर सकते हैं थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेशन की मदद से।
ये पैनल प्रतिकूल मौसम की स्थिति में या रात के समय भी बिजली का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करते हैं।
ऑफ-ग्रिड बिजली उत्पन्न करने की क्षमता के साथ ये पैनल दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ पहुंचा सकते हैं जहां ऊर्जा की पहुंच अभी भी पूरी नहीं है।
बढ़ते तकनीक और नवाचार ने से सोलर पैनलों का निर्माण सफल किया
बढ़ते तकनीक और नवाचार ने से सोलर पैनलों का निर्माण सफल किया जो दिन के समय बिजली पैदा करने में सक्षम होगी। दुनिया के प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी में से एक स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों के उन्नत सोलर पैनल को विकसित किया है जो सूर्य के प्रकाश के बिना भी ऊर्जा का दोहन कर सकते हैं थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेशन की मदद से। इस प्रक्रिया इस प्रक्रिया का उपयोग करके यह सोलर पैनल रात में भी बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। रात में सोलर पैनल और आसपास की हवा के बीच तापमान के अंतर्गत उपयोग करके काम करते हैं। यह तापमान का ग्रेडियंट थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर को शक्ति प्रदान करता है जो थर्मल एनर्जी की को बिजली में परिवर्तित करती है। दिन के समय यह पैनल पारंपरिक सोलर पैनलों को तरह काम करते हैं जो सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं। वही रात के समय में बिजली उत्पन्न करने के लिए एम्बिएंट थर्मल एनर्जी का उपयोग करते हैं जिससे सूर्य के प्रकाश के बिना भी निरंतर बिजली आपूर्ति प्रदान करने में सक्षम है।
50 मिनिमम बिजली तक उत्पन्न करने में सक्षम है
यह पैनल रात में लगभग 50 मिनिमम बिजली तक उत्पन्न करने में सक्षम है जो उन्हें ऑफ ग्रिड या दूर के इलाकों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है। यह पैनल प्रतिकूल मौसम की स्थिति में या रात के समय पर बिजली का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करते हैं। वह पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के लिए एक स्थाई विकल्प प्रदान करते हैं जिसकी मदद से कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरण में प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है तो फिर बिजली उत्पन्न करने की क्षमता के साथ ही पैनल दूर -दराज और ग्रामीण क्षेत्र का लाभ पहुंचा सकते हैंजहां ऊर्जा की पहुंच अभी भी पूरी नहीं है। इन बेंगलुरु की शुरुआत लागत पारंपरिक मेलों की बहनों की तुलना में ज्यादा हो सकती है लेकिन यह 24/7 बिजली प्रदान करके आप अपनी बिजली के बिलों को कम करने में काफी बचत प्रधानकरते हैं। इन पैनलों की शुरुआती लागत पारंपरिक पैनलों की तुलना में ज्यादा हो सकती है लेकिन यह 24/7 बिजली प्रदान करके आपके बिजली के बिलों को कम करने में काफी बचत प्रदान कर सकते हैं।
रात में बिजली पैदा करने वाले सोलर पैनलों की लागत और उन्हें अपनाना
इन उन्नत सोलर पैनलों की शुरुआती लागत उनके आकार और क्षमता के आधार पर ₹30,000 से ₹50,000 तक हो सकती है। अपने उच्च अग्रिम निवेश के बावजूद, यह पैनल अच्छी दक्षता और 24 घंटे बिजली उत्पादन के साथ लंबे समय के लिए एक लागत प्रभावी समाधान प्रदान करते हैं।
यह अभिनव सोलर पैनल की तकनीक इन्हें ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए एक बढ़िया उत्पाद बनाती है। यह पैनल ऑफ-ग्रिड और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक भरोसेमंद बिजली स्रोत प्रदान करते हैं, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करते हैं साथ ही, प्रदूषण को कम करके पर्यावरणीय को स्थिरता को भी बढ़ावा देते हैं।