इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी(IREDA) इम्पोर्टेन्ट बोर्ड मीटिंग hold करेगी जिसका एजेंडा रहेगा 4500 करोड़ के अमाउंट का रेंज करने के लिए अप्रूवल लेना हो गया। यह मीटिंग जरूरी इसलिए है क्योंकि लिए गए डिसीजन कंपनी के फ्यूचर प्लान और शेयर मार्केट में इसके परफॉर्मेंस पर काफी इफेक्ट पड़ सकता है। यह भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में से एक देश के कई बड़े ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट के माध्यम से भारत के नेट जीरो कार्बन एमिशन के टारगेट को हासिल करने के लिए कई एफर्ट कर रही है।
आईए जानते हैं कंपनी के प्लान के बारे में क्या इससे बाकी इन्वेस्टर्स की मुनाफा होगा या नहीं।
IREDA की बोर्ड मीटिंग का में फोकस फंड रेंज करने के लिए होगा। कंपनी फर्द पब्लिक ऑफर (FPO) क्वालिफाइड इंस्टॉलेशन प्लेसमेंट राइट्स (QIP), राइट्स इश्यू या प्रेफ़रेंशियल इश्यू जैसे ऑप्शन पर विचार कर सकती है। उठाए गए फंड का उपयोग कंपनी के एक्सपेंशन और नए प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा जो 2030 तक भारत की 500 गीगावॉटरिन्युअल एनर्जी की टारगेट को प्राप्त करने में कंट्रीब्यूशन देगा।
फंड रेंज करने के डिसीजन का डायरेक्ट इंपैक्ट कंपनी की फाइनेंशियल पोजिशन पर पड़ेगा। अगर डिसीजन पॉजिटिव होता है तो कंपनी अपने एक्सपेंशन प्लान को काफी जल्दी और तेजी से एग्जिट कर सकती है जिससे इसकी शेयर प्राइस भी इंक्रीमेंट आने की उम्मीद की जा सकती है। रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर पर सरकार के बढ़ते फोकस को देखते हुए IREDA के पास कई नए प्रोजेक्ट हैं अपनी पाइपलाइन में जिसे नए फंड्स रेज करने के बाद और तेज़ी से अचीव किया जा सकेगा।
एक्सपर्ट्स के अनुसार ,अगर कंपनी की बोर्ड मीटिंग में फंड रेंज करने की प्रपोजल को अप्रूवल मिल जाता है तो IREDA के शेयर प्राइस में सर्ज आ सकता है। कंपनी ने पिछले 9 महीना में अपने इन्वेस्टर्स को लगभग 700% रिटर्न दिया और शेयर प्राइस और में और ग्रोथ की उम्मीद है।कई ब्रोकरेज फर्म ने IREDA के शेयर के लिए ₹330 का टारगेट प्राइस सेट किया है जो इसके कर्रेंट प्राइस से काफी ज्यादा है।