बारिश ओलावृष्टि ने कर दी किसानो की फसल तबाह ,सर्वे के बाद किसानो को मिलेगी राहत

Saroj kanwar
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अप्रैल के महीने में गए राज्य में बारिश के साथ और ओलावृष्टि होने से किसानों की फसलों को नुकसान और अभी भी कई जगह पर बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हो रहा है। इससे किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस बात को ध्यान में रखते राज्य सरकार ने किसानों को जल्दी ही नुकसान की भरपाई करके राहत देने की बात कही।

मुख्यमंत्री अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे की निर्देश दिए है

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे की निर्देश दिए है ताकि किसानों को जल्द से जल्द राहत पहुंचा जा सके। बता दें की अप्रैल के महीने में हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को नुकसान हुआ। प्रदेश में कई किसान फसल की कटाई कर रहे हैं। इसे बेचने हेतु मंडी में ले जाने के लिए सूखा रहे हैं। लेकिन बीच में ही बारिश और ओलावृष्टि ने उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा दिया जिससे किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।

प्रदेश सरकार ने किसानों को फसल नुकसान मुआवजा देने की बात कही है

इस बात को ध्यान में रखते हैं प्रदेश सरकार ने किसानों को फसल नुकसान मुआवजा देने की बात कही है । इस समय राज्य में रबी फसल की सरकारी खरीद का काम चल रहा है। इसमें मंडी में किसानों को में रखे गेहूं में से भी नुकसान हो रहा है। बीते शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर ओला वृष्टि और तेज हवा के साथ बारिश हुई जिससे किसान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शामिल शनिवार को करनाल के इंद्री में ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जायजा लिया।

गेहूं के बारे में के ऊपर बर्फ की चादर बीच गई थी और किसान के गेहूं को नुकसान पहुंचा

इंद्री का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक हेंडल पर पोस्ट करते हुए कहा कि ,सभी अधिकारियों और पटवारी को फसलों का जायजा लेने और जो भी नुकसान है उसकी तुरंत गिरदावरी करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को शीघ्र मुआवजा दिया जा सके। बता दें की इंद्री इलाके में 15 से 20 अप्रैल तक जोरदार ओलावृष्टि हुई थी। इसी के कारण किसानों के मंडियों में रखे हुए गेहूं के बारे में के ऊपर बर्फ की चादर बीच गई थी और किसान के गेहूं को नुकसान पहुंचा ।

33% से अधिक फसल खराब होने पर किसानों का मुआवजा दिया जाता है

हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएस एन प्रसाद ने रबी फसल की खरीद से संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्राप्त हुए निर्देश दिए हैं कि ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जल्दी से जल्दी सर्वे किया जाए ताकि प्रभावित जिला किसानों के समय पर फसल नुकसान का मुआवजा दिया जा सके। जिन किसानों ने पीएम की किसान में फसल बीमा योजना के तहत अपनी रबी फसलों का बीमा कराया होता है उन्हें नियमानुसार 33 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है। पीएम फसल बीमा योजना के निर्माण अनुसार 33% से अधिक फसल खराब होने पर किसानों का मुआवजा दिया जाता है।

किसानों को योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करना होता है

हरियाणा में किसानों को अपनी फसल के नुकसान की सूचना क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करानी होती है। इसके बाद किसान बीमा कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सर्वे पर रिपोर्ट तैयार की जाति सत्यापन के बाद प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा राशि प्रदान की जाती है। क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीयन से पहले किसान को अपनी फसल का ब्यौरा ‘मेरी फसल मेरा पोर्टल ‘ पर दर्ज करना जरूरी होता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कम बारिश विपरीत मौसम परिस्थितियों तथा अन्य प्राकृतिक कारणों जैसे सूखा ,बाढ़ जल भारत प्राकृतिक आपदा ,कीट व्याधि ,बिजली ओलावृष्टि ,बे मौसम बारिश से फसल को होने वाले नुकसान पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है। इसके लिए किसानों को योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करना होता है।

किसानों को इसके लिए निर्धारित प्रीमियम चुकाना होता है

फसल बीमा करते समय किसानों को इसके लिए निर्धारित प्रीमियम चुकाना होता है। इसमें रबो मौसम की फसल के लिए डेढ़ प्रतिशत खरीद के लिए 2% की दर से बीमा प्रीमियम देना होता है। इसके अलावा किसान इस योजना के उद्यानिकी वणिज्यिकी फसलों का बीमा भी करवा सकते हैं। इसके लिए किसानों को थोड़ा ज्यादा प्रीमियम देना होता है। उद्यानिकी वणिज्यिकी की फसलों के लिए किसानों को 5% की दर से प्रीमियम देना होता है। इस योजना का लाभ उन्ही किसानों को मिलता हैजिन्होंने अधिसूचित क्षेत्र के लिए अधिसूचित फसल की बुवाई की है।

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