भारत में लाखों कामकाजी पैसे वालों के लिए प्रोविडेंट फंड एक महत्वपूर्ण सुरक्षित निवेश विकल्प है,जो सेवानिवृत्ति के लिए लंबी अवधि हेतु बचत प्रदान करता है इस योजना का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा किया जाता है और यह विशेष रूप से उनके कर्मचारियों के लिए लाभदायक है जो अपनी नौकरी के दौरान और सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा चाहते हैं।
PF निकासी पर टीडीएस के नियम का काफी सख्त है। 5 साल से कम सेवा के बाद निकासी की जाती है और अगर राशि 50000 से अधिक है तो निम्नलिखित टीडीएस दरे लागू होती है।
मैंने प्रस्तुत किया गया-यदि फॉर्म 15जी/15एच जमा किया गया हो तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाता है ,बिना फॉर्म की टीडीएस 10% की दर से काटा जाता है।
बिना पैन – टीडीएस को34.606% परसेंट की उच्चतम सीमा दर पर काटा जाता है।
विशेष स्थितियों में जैसे कि ppf खाते में दूसरे में का स्थानांतरण ,अग्रिम भुगतान या कर्मचारी के नियंत्रण से बाहर के कारणों से सेवा की समाप्ति पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाता है।
EPF की प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेज शामिल है।
ऋण चुकौती: ऋणदाता एजेंसी से बकाया मूलधन और ब्याज का प्रमाण पत्र।
नकद अग्रिम: आपके वर्तमान नियोक्ता द्वारा जारी प्रमाणपत्र।
बच्चों की शिक्षा: कक्षा 10 के बाद स्वयं या अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए अंशदान का 50% तक निकाल सकते हैं।
चिकित्सा कारणों के लिए: नियोक्ता और डॉक्टर दोनों से प्रमाण पत्र।
मकान खरीदना: घोषणा और संपत्ति पंजीकरण प्रमाणपत्र।
विवाह: दावा प्रपत्र 31 के साथ घोषणा।
शारीरिक विकलांगता उपचार: परामर्श चिकित्सक से प्रमाण पत्र।
सेवानिवृत्ति पूर्व निकासी: EPF सदस्य द्वारा घोषणा।
पीएफ निकासी प्रक्रिया अत्यंत सुविधाजनक है और ईपीएफओ द्वारा वित्तीय सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। इसके अलावा यह व्यवस्था विभिन्न परिस्थितियों में कर्मचारियों को उनकी जमा राशि तक पहुंचने में मदद करती है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति का स्थिरताबनी रहती है।