पूजा कथा के मौके पर भगवान को तरह-तरह की मिठाइयों का भोग लगाने की परंपरा है लेकिन इनमे सबसे खास होती है पंजीरी और जन्माष्टमी का त्यौहार तो बिना पंजीरी की पूरा ही नहीं होता। गेहूं के आटे , धनिया ,बेसन और नारियल जैसी कई चीजों से पंजीरी बना सकते हैं। लेकिन जन्माष्टमी पर धनिया पंजीरी बनाने का खास महत्व होता है जो स्वाद में तो खास होती है साथ ही सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं।
यहां जानते धनिया पंजीरी के स्वास्थ्य लाभ और इसे बनाने की रेसिपी
धनिया पंजरी को सबसे शुद्ध माना जाता है कान्हा का भोग लगाने के साथ इस दिन व्रत रखने वाले भक्तगण इस पंजीरी से व्रत भी खोलते हैं।
धनिया पंजीरी बनाने की सामग्री
घी -¼ कप
काजू कटे हुए – 10 -12
बादाम कटे हुए -10 -12
मखाना – आधा कप
धनिया पाउडर- दो कप
कद्दूकस किया हुआ -सूखा नारियल
आधा कप -चीनी
आधा कप -धनिया पंजीरी।
बनाने का तरीका
कढ़ाई को गर्म कर इसमें एक बड़ा चम्मच घी डाले और घी गर्म होने के बाद इसमें ड्राई फ्रूट्स को धीमी आंच पर सुनहरा होने तक भून ले। इसे किसी बर्तन में निकाल कर अलग रख दे। अब इसमें मखानो को कुरकुरा होने तक उन्हें हल्का ठंडा होने के बाद इस ग्लास में डालकर कूट ले या फिर मिक्सी में दरदरा कर ले। कढ़ाई में थोड़ा घी डालें अब इसमें धनिया पाउडर को धीमी आंच पर पूरा होने तक भूने फिर इसमें भुने हुए ड्राई फ्रूट्स डालकर मिलाएं। धनिया का मिश्रण जब पूरा ठंडा हो जाए तो इसमें सूखा नारियल और पीसी चीनी डालकर मिलने तैयार ह। जन्माष्टमी के लिए धनिया पंजीरी का प्रसाद तैयार है।