OMG :बच्चो में बढ़ते हार्ट अटैक ने एक्सपर्ट्स को ला दिया सदमे में ,अब इस खबर ने और भी कर दिया हैरान

Saroj kanwar
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Human heart on science background

लखनऊ के मोंटफोर्ट स्कूल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां पर कक्षा तीन के छात्र को स्कूल में खेलते वक्त मौत हो गयी है। बच्ची की मौत की वजह हार्ट अटैक बताया जा रहा है। इससे पहले भी स्कूल में इस तरह का एक मामला सामने आया था जहां पर एक 9 साल की छात्र की मौत हो गई। इस तरह के मामले सामने आने के बाद बच्चो के स्वास्थ्य पर कई सवाल खड़े कर दिए गए।

क्यों आ रहा है बच्चो को हार्ट अटैक

बच्चों में सबसे ज्यादा खेल कुछ पसंद होता है। ऐसे में अगर हार्ट अटैक आने लगे तो इससे माता-पिता की चिंता बढ़ सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बच्चों में अटैक के कई कारण मारने का सबसे बड़ा कारण मानते है। हार्टअटैक का सबसे बड़ा कारण मोटापा माना गया है। शहरी कल्चर में बच्चों का घरों से बाहर खेलना कम हो गया है, जिसकी वजह से बीपी की समस्या बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।

इसके अलावा बच्चों में जन्म से ही कई परेशानियां होती है जो बाद में हार्ट अटैक का कारण बनती है। कुछ जन्मजात रोगो के इतिहास वाले बच्चों को कोरोनरी धमनी में रुकावट के कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा दूसरों की तुलना में अधिक होता है।

इनकी जानकारी नहीं होने की वजह से बच्चों की जान को खतरा बढ़ जाता है

अभी तक नौजवानों में हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे थे। लेकिन बच्चों में हार्ट अटैक के के सामने आना एक चिंता का विषय है। पर डॉक्टर का मानना है कि कुछ बच्चों को जन्म से ही दिल की बीमारियां होती है। कई मामलों में बच्चों की मां की पेटही कंजेनाइटल हार्ट डिजीज के शिकार हो जाते हैं। जिसकी वजह से दिल में छेद या कुछ दिल से जुड़ी समस्याएं पैदा हो जाती है। कभी-कभी इनकी जानकारी नहीं होने की वजह से बच्चों की जान को खतरा बढ़ जाता है।

2015 में अमेरिकन जनरल आफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ जिससे भारत में लगभग 6.5 करोड लोगों को दिल की बीमारियों की जानकारी दी गई थी। इसमें ढाई करोड़ लोग 40 की उम्र में उम्र या उससे कम उम्र के थे। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक ,भारत में पिछले 10 सालों में दिल की बीमारी से मरने वालों की तादाद75 फीसद तक बढ़ गई है।

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