हरियाणा सरकार ने बुजुर्गों की बुढ़ापा पेंशन काटने को लेकर बन रहेसंशय को विधानसभा में दूर कर दिया। प्रदेश में उन बुजुर्गों को बाद पेंशन नहीं कटेगी जिनकी सालाना आय 350000 रुपए तक है । इससे अधिक आय होने की स्थिति में पेंशन काटी जा सकती है। सरकार ने अभी तक उन्हें बुजुर्गों को पेंशनरोकी जो इस दायरे से अधिक कमाई कर रहे हैं।
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अभी तक विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि ₹200000 तक आय वाले बुजुर्गों की पेंशन काटी जा रही है। सरकार ने कहा है कि यह आरोप गलत है अब प्रदेश सरकार पेंशन प्रदेश के बुजुर्ग बड़ी राहत देने की कोशिश में है। सरकार विधिवत रूप से पेंशन की पात्रता के लिए सालाना आय का दायरा बढ़ाने जारही है। इसकी लिमिट कितनी बढ़ेगी इसका अंतिम निर्णय कैबिनेट की बैठक में होगा। वर्तमान में 180000 वार्षिक तक कमाने वाले बुजुर्गों को कोई पेंशन लाभ मिलता है ।
पेंशन का परिवार पहचान पत्र के साथ लिंक किया गया है
हरियाणा सरकार ने विधानसभा में जवाब दिया की पेंशन का परिवार पहचान पत्र के साथ लिंक किया गया है। इसलिए परिवहन पहचान पत्र में जो आय दी गई उसके साथ साढे तीन लाख रुपये या इससे अधिकार होने की जानकारी खुद सरकार के पास पहुंच रही है। लोगों की दिक्कत समझते हुए सरकार ने परिवार पहचान पत्रों में गलतियों को सुधारने का मौका भी दिया है। इसके बाद जो गलती से सुधारि जाएगी उसे वेरीफाई कराया जाएगा।
प्रदीप चौधरी ने विधानसभासभा में पेंशन काटने का मुद्दा उठाया
कालका के कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी ने विधानसभासभा में पेंशन काटने का मुद्दा उठाया । सामाजिक न्यायअधिकारिता राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि केवल उन्हें लाभार्थियों की पेंशन रोक की गई जिनकी आय साढ़े तीन लाख रुपए या इससे अधिक है। कमाई का यह आंकड़ा बुजुर्गों ने परिवार पहचान पत्र पर रजिस्ट्रेशन करते समय खुद सरकार को उपलब्ध करवाया है।
प्रदीप चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार ने दो लाख से अधिक आय वाले बुजुर्गों की पेंशन बंद कर दी है। समाज कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि अब पीपीपी में संशोधन का सरकार ने विकल्प दिया है। अगर किसी बुजुर्ग को यह लगता है कि रिकार्ड में उसकी आय अधिक दिखाई गई है तो वे दस्तोवजों के साथ इसमें बदलाव भी कर सकते हैं।