अब कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी को लेकर सरकार 8 वेतन आयोग की जगह ला रही है ये फार्मूला ,यहां समझे पुरे फॉर्मूले का गणित

Saroj kanwar
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देशभक्ति महंगाई को देखते कर्मचारी कयास लगा रहे हैं कि सरकारी सरकारी बजट में आठवीं वेतन आयोग को लेकर के घोषणा कर सकती है। सातवां वेतन आयोग 20 साल के अंत में 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि अब आठवां वेतन कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई तय करने के लिए नहीं आएगा बल्कि सरकार की ओर से कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई करने के लिए नया फार्मूला लाया जाएगा इसके लिए जानते हैं इस बारे में ताजा अपडेट।

बेसिक सैलरी बढ़ाने की योजना

7 वे वेतन आयोग का गठन 2016 में हुआ था। सातवें वेतन आयोग में सैलरी की बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से तय की गयी थी। जानकारी के मुताबिक ,बताया जा रहा है कि कर्मचारियों का सैलरी बढ़ाने के लिए नया फार्मूला लाया जाएगा जिसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी हर साल रिवाइज होगी। इसके अलावा हर साल बेसिक सैलरी बढ़ाने की योजना है। आपकोबता दे की कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए आयक्रियोड फॉर्मूला पर विचार किया जा रहा है। इस नए फार्मूले पर काफी समय से चर्चा हो रही है। फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर होती है और महंगाई भत्ते में 2 साल में दो बार बदलाव किया जाता है। लेकिन अब बेसिक सैलरी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है की ,सैलरी में बढ़ोतरी उनके प्रदर्शन के आधार पर होगी।

सभी कैटेगरी के कर्मचारियों को मिलेगा बराबर लाभ-

महंगाई दर, जीवन-यापन लागत के आधार पर हर साल वेतन में बढ़ोतरी की जाएगी। अब इस फार्मूले की तहत इनका वेतन भी निजी क्षेत्र की कंपनी के कर्मचारियों की तरह होगा । इस फार्मूले को लाने का सरकार का मकसद अमानता लाना है ताकि सभी क्रांतिकारी कर्मचारियों को लाभ मिल सके। हालांकि ,सरकार ने अभी तक इस मामले में किसी प्रस्ताव की पुष्टि नहीं कि है फिलहाल सभी क्रांतिकारी के वेतन में ग्रेड पे के हिसाब से बड़ा अंतर है लेकिन नया फार्मूला आने के बाद इस तरह खत्म करने की कोशिश की जा सकती है। फिलहाल सरकार वेतन आयोग से अलग वेतन बढ़ाने के फार्मूले पर विचार कर रही है। हर पे ग्रेड कर्मचारी को लेकर अधिकारी तक शामिल है लेकिन उनके वेतन में बड़ा अंतर होता है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी का कहना है की इसके पीछे सरकार का मकसद केंद्रीय कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। वैसे तो इस नए फॉमूले का सुझाव अच्छा है। लेकिन सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई घोषणा नहीं की है और ना ही इस तरह की किसी फार्मूले पर अभी चर्चा हुई है। जानकारी की मुताबिक आयोग पर क्या अंतिम फैसला होगा इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दी बाजी होगी .

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