बिजली की डिमांड के बढ़ने पर काफी लोग सोलर एनर्जी की ओर जा चुके है साथ ही काफी लोगों ने पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ने पर इलेक्ट्रिक गाड़ी भी लेना शुरू कर दिया है इस समय पर इलेक्ट्रिक गाड़ी सस्ते दामों में अधिक रेंज दे रही है जिससे साफ एवं प्रदूषण के बगैर मोबिलिटी मिल रही है। यह काम और भी अधिक साफ होगा की यदि लोग अपने घर में सोलर पैनलों की मदद से इलेक्ट्रिक कारण गाड़ियों को चार्जिंग को काम कर सकेंगे। ऐसी गाड़ियां पूर्ण रूप से नवीनीकरण ऊर्जा के स्त्रोत पर चलेगी और कोई प्रदूषण नहीं होगा। आज हम आपको इलेक्ट्रिक गाड़ी की चार्जिंग स्टेशनों को लगाने का इस्तेमाल होने वाले सोलर पैनल की जानकारी देंगे।
इलेक्ट्रिक कार के लिए जरूरी सोलर पैनल
किसी इलेक्ट्रिक कार की चार्जिंग में जरूरी सोलर पैनल की संख्या यूज कर की बैटरी क्षमता एवं पैनलों की दक्षता पर डिपेंड होती है जैसे – एक स्टैंडर्ड टेस्ला मॉडल S जिसमे बैटरी क्षमता मुख्यरूप से करीबन 100 kWh रहती है तो इसकी पावर चार्जिंग में 75 पैनलों की जरूरत होगी। ऐसे में आप साफ यह इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग में बहुत से सोलर पैनल की आवश्यकता होगी। चार्जिंग के काम में कुछ एनर्जी लॉस भी होगा जो कि सोलर पैनल से जुडी हुई बिजली कारो तक नहीं जाएगी।सोलर पैनल में सोलर इनवर्टर इस्तेमालमें आता है जो कि डीसी को AC में करंट में बदलेगा यह बिजली के फ्लो को कंट्रोल करने का काम करेगा जो कार की बैटरी को चार्जिंग देगा। केवल कार की चार्जिंग के लिए आपको खास सोलर पैनल इनवर्टर का इंस्टॉल करना होगा।
इलेक्ट्रिक कार कैसे करें चार्ज
इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने की कोई तरीका है जो आपके आधुनिक सुविधा के अनुसार विभिन्न रेटिंग का विकल्प देते हैं। इलेक्ट्रिक कारों को चार्जिंग देने का काफी बेहतर है। चालक को इसकी सुविधा अनुसार बहुत सी रेटिंग के ऑप्शन प्रदान करते हैं। यदि घर में ठीक स्पेस हो तो वहां एक चार्जिंग की यूनिट को लगा लेने जो की इलेक्ट्रिक कार को रात भर चार्जिंग दे। कार्य स्थल पर चार्जिंग होने पर आप वहां पर कार को चार्ज कर सकेंगे। अधिकांश सिटी में इलेक्ट्रिक कार की चार्जिंग स्टेशन मौजूद है जो कि पैसे लेकर कर चार्ज करते हैं।
इलेक्ट्रिक गाड़ी को ड्राइव के दौरान डायरेक्ट सोलर पैनल से चार्ज नहीं कर सकेंगे। कार का सरफेस एरिया सामान्य रूप से सही एनर्जी पैदा करने में अपर्याप्त रहते है। इलेक्ट्रिक कार की चार्जिंग के लिए इसको किसी चार्जिंग स्टेशन अथवा इनवर्टर सिस्टम किसी कनेक्ट करके सोलर पैनल से चार्जिंग देनी पड़ेगी। अब कार की चार्जिंग में जरूरी सोलर पैनलों की संख्या को देखे तो यह काफी फैक्टर पर डिपेंड करेगी जैसे – सोलर पैनलों की कैपेसिटी, दक्षता, कार की बैटरी का आकार एवं सूरज की रोशनी की उपलब्धता। सामान्य रूप से तीन सोलर पैनल की एक क कैपेसिटी के सोलर सिस्टम से बहुत एनर्जी का उत्पादन हो जाता है। वहीं बड़े आकार की बैटरी एनर्जी की आवश्यकता में ज्यादा पैनलों अथवा बड़े सोलर सिस्टम की जरूरत होती है।