कर व्यवस्था को बनाये रखने लिए सरकार द्वारा गरीब विभाग की ओर से कई तरह के नियम बनाएंगे। हाल ही में आयकर विभाग ने कृषि भूमि पर को लेकर अपडेट जारी की है आमतौर पर लोगों को लगता है कि सभी खेती की जमीन बेचते हैं तो उन्हें पैसा लाभ प्राप्त टैक्स नहीं देना होता है आपको बता दें की आयकर के नियमों के तहत कृषि पर भूमि देने के लिए खास व्यवस्था की गई। सबसे पहले आपको इसके बारे में जानना चाहिए। आपको बता दें कि आयकर के नियमों के तहत कृषि भूमि पर टैक्स देने या न देने को लेकर एक खास व्यवस्था की गई है।
इतने प्रकार की होती है
सबसे पहले आपको इस बारे में जानना चाहिए कि खेती की जमीन कितने प्रकार की होती है। जानकारी लिए बता दे कृषि भूमि दो प्रकार की होती है कृषि भूमि को हम कृषि भूमि भी कहते हैं। इस श्रेणी में ग्रामीण क्षेत्र की भूमि शामिल है। इसके अलावा अगर दूसरी जमीन की बात करें तो शहरी क्षेत्र में कृषि भूमि है वह में ऐसे क्षेत्रों में है जो शहरों में आते हैं वहां जो भी खेत और लोग खेती करते हैं। शहरों में कृषि भूमि का आयकर की नजर में कृषि भूमि नहीं मानी जाती है।
आयकर कानून के अनुसार , आयकर नियमो के अनुसार ,अगर भूमि को कृषि भूमि माना जाता है वहीं पर लगने वाले टैक्स के बारे में आयकर अधिनियम की धारा 2 (14) में सब कुछ स्पष्ट किया गया है। इसके अलावा अगरकृषि भूमि नगर पालिका, अधिसूचित क्षेत्र समिति, टाउन एरिया समिति या छावनी बोर्ड के अंतर्गत आती है और उसे क्षेत्र की आबादी 10000 या उससे अधिक होती है तो आयकर विभाग की नजर में एक कृषि भूमि कृषि भूमि नहीं है। इसके अलावा अगर नगर पालिका या छावनी बोर्ड की आबादी 10000 से ज्यादा है तो ऐसे क्षेत्र के 2 किलोमीटर के दायरे में मौजूद जमीन को कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।
ये जमीन पर टैक्स नहीं देना होगा-
अगर कोई जमीन ऊपर बताये गए दायरे के मुताबिक कृषि भूमि शामिल है , तो उसे आयकर कानून की नजर में खेती योग्य जमीन माना जाता है और ये जमीन पूंजी का संपत्ति नहीं होती। इस स्थिति में जमीन की बिक्री से होने वाली आय पर कोई पूंजीगतलाभ कर नहीं लगाया जा सकतावही अगर आपकी कृषि भूमि ऊपर बताए गए दायरे से बाहर है तो कैपिटल एसेट माना जाएगा और इस जमीन पर आपको टैक्स भी नहीं देना होगा।
अगर शहरी कृषि भूमि खरीद कर 24 महीने तक रखी जाए या फिर बेच दी जाए तो उससे होने वाले मुनाफे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स माना जाता है। इस पर आपकोइंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी टेक्स देना होता है तो 24 महीने के अंदर बेचनेबेचने पर मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। कैपिटल गेन की रकम आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से तय होती है।