यहां जाने क्यों आया paytm आरबीआई के निशाने पर ,हो गयी थी आरबीआई को ये शंका

Saroj kanwar
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धन शोधन संबंधी chint और वॉलेट पेटीएम 10 की बेकिंग शाखा के बीच सैकड़ो करोड़ रुपए के संदिग्ध लेनदेन के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को विजय शेखर शर्मा द्वारा संचालित इकाइयों शिकंजा कसना पड़ा। सूत्रों के अनुसार ,पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के पास लाखों गैर केवाईसी अनुपालन वाले खाते थे और हजारे मामलों में कई खाता खोलने के लिए एक ही पेन का उपयोग किया गया था।

जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ो रुपए में है

सूत्र ने कहा कि ऐसे उदाहरण है जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ो रुपए में है जिससे धन शोधन की चिंताएं बढ़ रही है। ऐसे पाया गया यह 1000 से अधिक उपयोगकर्ता ने एक ही स्थाई खाता संख्या को अपने खातों से जोड़ा हुआ था आरबीआई और लेखा परीक्षकों दोनों द्वारा आयोजित सत्यापन प्रक्रियाओं के दौरान यह बातें सामने आई है।

सूत्रों ने कहा कि आरबीआई को चिंता है कि कुछ खातों का इस्तेमाल मनी लॉड्रिंग के लिए किया जा सकता है। प्रवर्तन निदेशालय को सूचित करने के साथ-साथ आरबीआई ने अपने निष्कर्ष गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी भेजा है। राज्य सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि , अगर अवैध गतिविधि का कोई सबूत मिला तो प्रवर्त्तन निदेशालय पेटीएम पेमेंट्स बैंक की जांच करेगा।

11 मार्च 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था

बता दे आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते , प्रीपेड साधन ,वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का निर्देश दिया था। RBI ने एक बयान में जानकारी देते हुए कहा था कि ,यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। इन रिपोर्ट से भुगतान बैंक में लगातार नियमों के गैर अनुपालन और सामग्री पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंताएं सामने आई। आरबीआई ने इसके पहले 11 मार्च 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था।

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