बिजली के बढ़ते बिल की वजह से देश भर के किसान नागरिकों खेत में सिंचाई का काम दिक्क्त से भरा हो गया है। इस प्रकार की दिक्क्त का सही समाधान सोलर पावर ही दिखाता है। सबमार्सिबल के मामले में सोलर पैनल को लगाकर किसान की ग्रिड वाले बिजली पर निर्भरता की कमी आती हैसाथ ही उसकी सिंचाई का खर्चा भी काम होता है। आज के हम आपको इसके बारे में पूरी खबर देते है।
पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा प्रावधान स्कीम के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप लगवाने के काम में सब्सिडी का फायदा मिल रहा है।
कॉम्पोनेन्ट B
स्टैंड अलोन सोलर पंप
किसानों को 7.5 एचपी तक क्षमता के सोलर पंप पर सब्सिडी का फायदा मिल पाएगा। इससे 30 फीसदी तक सब्सिडी केंद्रीय वित्तीय मदद एवं 30 फ़ीसदी सरकार सब्सिडी रहेगी। यहां पर बचीहुयी सब्सिडी किसान लाभार्थी में बैंक वित्त प्राप्त के ऑप्शन से सब्सिडाइज करना है।
कंपोनेंट C
ग्रिड-कनेक्टेड पंपों का सोलराइजेशन: किसानो को ग्रिड से जुड़े पंप का सोलर सिस्टम करने में सब्सिडी का फायदा मिल रहा है। ऐसे में 30% केंद्र वित्तीय सहायता एवं 30 फीसदी प्रतिशत सरकार की सब्सिडी का लाभ मिलेगा और बचे हुए सब्सिडी का खर्चा किसान वहन करने वाला है। पात्र किसानो को स्कीम की पीएम कुसुम वेबसाइट pmkusum.mnre.gov.in से अप्लाई प्रोसेस करना पड़ेगा।
सोलर पैनल के फायदे
सोलर पम्प परंपरागत बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है जो कि किसानों की बिजली बिलों के खर्चे में कमी आता है।
सोलर पंप से सिंचाई का खर्चा बहुत कम हो सकता है क्योंकि वो फ्री सोलर बिजली का प्रयोग करने वाला है।
ये बढ़िया नवीनीकरण स्रोत है जो कि पर्यावरण को दूषित भी नहीं करता है।
किसान सतत किसानी का अभ्यास भी करने में प्रोत्साहित होंगे।
पीएम कुसुम आदि सरकार की स्कीम किसान नागरिकों को सोलर पंप सिस्टम को सस्ता करने में उचित पैसों की मदद देती है।