नए वित्त वर्ष में इसमें जैसे ही नए TEKS स्लेब लागू कर दिया जाएगा वैसे ही कर संबंधी कई नियम भी बदल जाएंगे। 12 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले व्यक्ति को टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे एक बात तो क्लियर है की अब लोग टैक्स के दायरे से बाहर होंगे पर आयकर रिटर्न भरने की जरूरत होगी या नहीं इस बात कोजानना भी जरूरी है। इस संबंध में सरकार ने अहम कदम उठाया है ताकि टैक्स से जुड़े नियमों को बेहतर टैक्स व्यवस्था की और अनुकूल किया जा सके।
केंद्रीय बजट 2021 के तहत आयकर की नई व्यवस्था लागू की गई है। अब 12 लख रुपए की वार्षिक आय पर कर नहीं लगेगा। पहले 12 लाख पर ₹80000 तक कर देना पड़ता था इससे लगभग 1 करोड लोगों को राहत मिलेगी। इस बदलाव से कई करदाताओं उनको बचत के रूप में फायदा होगा। लेकिन फिर भी आयकर रिटर्न भरना अनिवार्य रहेगा । ये कदम आम जनता को राहत देने और आयकर प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में उठाया गया है। केंद्रीय बजट 2025 में मिडिल क्लास के लोगों को बड़ी राहत दी है । नई व्यवस्था में 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर नहीं कर नहीं देना होगा। पहले यह सीमा 7 लाख रुपये थी इसके कर कारण लगभग 1 करोड लोगों को फायदा होगा जिसमें पहले 20 हजार रुपए से लेकर 80 हजार रुपए तक का कर लिया जाता है ये सुविधा केवल नई व्यवस्था के तहत मिलेगी और 2030 से लागू है। इसका लाभ उठानेके लिए कर डाटा को आयकर रिटर्न भरना होगा ,इसके अलावा कोई और कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है।
इस बारे में वित्त मंत्र निर्मला सीतारमण 22025 के केंद्रीय बजट में मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए आयकर में राहत देने की घोषणा की थी।
बिना आइटीआर बन नहीं मिल सकता यह फायदा
पहले 12 लाख सालाना कमाने वाले व्यक्ति को 80 हजार पर कर देना पड़ता था। अब संशोधित सिमाके तहत यह दायित्व खत्म कर दिया गया है यह राहत तब मिलेगी जब कर डाटा अपने लाभ का दावा करने के लिए आइटीआर जमा करेगा। बिना आइटीआर जमा किए यह छूट नहीं मिल सकेगी। लेकिन आईटीआई भरने से कर दाताओ को आयकर से राहत मिलेगी । बिना ITR जमा किए यह छूट नहीं मिल सकेगी, लेकिन ITR भरने से करदाताओं को आयकर से राहत मिलेगी।
आयकर रिटर्न दाखिल करने का नियम –
विशेषज्ञों के अनुसार किसी व्यक्ति की आय यदि 12 लाख रुपये से कम हो, तो भी उसे टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है।करदाताओं को रिटर्न करने से न केवल छूट मिलती है जब वे निर्धारित सीमा का उल्लंघन न करें। यह सिमा विभिन्न आयु समूह के लिए अलग-अलग होती है। यह सब आइटीआर से ही इनकम टैक्स विभाग को स्पष्ट होता है इसलिए आईटीआर भरनी आवश्यक है।
सामान्य नागरिकों जो की 60 वर्ष से कम आयु के हैं उनके लिए सीमा ढाई लाख रुपये ,वरिष्ठ नागरिक को जिनकी उम्र 60 से 79 वर्ष की है उनके लिए यह सीमा ₹३०००००ोर सुपर वरिष्ठ नागरिक को जो 80 वर्ष से अधिक उम्र के हैं उनके लिए ₹500000 लाख रूपये और नई व्यवस्था के तहत सभी के लिए ₹4 लाख है। इन सीमाओं के भीतर सालाना आय होने पर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होती है।
इनको भी करनी होगी इनकम रिटर्न फाइल
अगर किसी चालू खाते में 1 करोड़ या उससे अधिक धनराशि जमा है।
अगर किसी व्यक्ति की बिजली बिल ₹100000 से अधिक होने पर।
कोई व्यक्ति विदेश यात्रा में 2 लख रुपए से देखा खर्च करता है तो भी ITR भरने की जरूरत होगी।
संशोधित आयकर स्लैब –
पहले 12 लाख की आय वाले व्यक्ति को पुरानी टैक्स रिजीम (old tax regime) में 80 हजार रुपये का कर देना होता था, जो नई कर व्यवस्था में शून्य हो गया है। नई कर व्यवस्था में टैक्स स्लैब नीचे दिए गए हैं जो वित्त वर्ष 2025-26 में लागू होंगे-
इनकम टैक्स
0 – 4,00,000 रुपये 0 प्रतिशत
4,00,001 – 8,00,000 रुपये 5 प्रतिशत
8,00,001 – 12,00,000 रुपये 10 प्रतिशत
12,00,001 – 16,00,000 रुपये 15 प्रतिशत
16,00,001 – 20,00,000 रुपये 20 प्रतिशत
20,00,001 – 24,00,000 रुपये 25 प्रतिशत
24,00,001 और उससे अधिक 30 प्रतिशत
नई कर व्यवस्था के लाभ
नहीं करनी थी के अनुसार नई इनकम टैक्स स्लैब का लोगों को आर्थिक रूप से लाभ होगा। इसके तहत 12 लाख रुपए की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा । नहीं कर व्यवस्था लोगों को भी आर्थिक स्थिति सुधारने की और बचत में वृद्धि करने में मदद करेगी। इसके परिणाम स्वरूप पैसों को सही तरीके से प्रबंध कर सकेंगे । लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि सभी व्यक्तियों को अपनी आय के बारे में जानकारी देनी होगी इसके लिए हर किसी को समय सीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने चाहिए ताकि उन्हें कोई समस्या न हो।