लोन की रकम न चुका पाने पर रिकवरी एजेंट घर या ऑफिस जाते है लोन लेने वाले शख्स को परेशान krte है। सबसे ज्यादा अधिक पर्सनल लोन के मामले में होती है। दरअसल अनसिक्योर्ड लोन होता है जिस पर ब्याज देनी होती है। लोन चुकाने पर पहले तो बैंक ब्याज जुर्माना लगाते हैं इसके बाद रिकवरी एजेंट परेशान करते है अगर आपके साथ कुछ ऐसा हुआ तो परेशान ना हो । रिजर्व बैंक के मुताबिक लोन लेने वाली शख्स के भी कुछ अधिकार होते हैं।
बैंक से बात करें
आर्थिक स्थिति खराब होने और लोन लेने की EMI न चुका पाने की स्थिति में सबसे पहले बैंक से बात करें। जहां से लोन लिया हो लोन अगर NBFC कंपनी जैसे Bajaj Finserv, Tata Capital, Kreditbee, Navi Finserv आदि से लिया है तो इनके भी कस्टमर केयर नंबर पर बात करें और बताएं कि आपकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसलिए लोन की EMI देने के लिए कुछ समय चाहिए। बेहतर होगा कि अपनी समस्या लिखित में बताये ताकि आपके पास उसका प्रूफ भी रहे इसके लिए ईमेल करना अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
बची रकम री स्ट्रक्चर करवाए
बैंक से बात करके लोन के बची रकम री स्ट्रक्चर करवा सकते हैं। इसमें लोन की ईएमआई काम हो जाती है। हालाँकि लोन चुकाने का कुल समय बढ़ जाता है लोन की बच्ची रकम को रिस्ट्रक्चर करवाने से बैंक को भी फायदा होता है। क्योंकि उन्हें पहले की मुकाबले ज्यादा रकम मिलती है इसलिए ज्यादातर बैंक इस बात को आसानी से मान लेते हैं।
जुर्माना हटवाने के लिए कहे
अगर लोन की ईएमआई चुकाने में दो-तीन महीने से ज्यादा का समय हो जाए तो बैंक का जुर्माना काफी हो जाता है। ऐसे में अगर आपके पास फंड का इंतजाम हो जाता है तो बैंक से जुर्माना हटाने के लिए कह सकते हैं । ज्यादातर बैंक की जुर्माना भी हटा देते हैं।
लोन का सेटलमेंट करवाया
अगर आप लोन चुकाने में पूरी तरह से असमर्थ है और बहुत ज्यादा रकम पास नहीं है तो बैंक से लोन का सेटलमेंट करने के लिए भी कह सकते हैं। इसमें प्रक्रिया में बैंक लोन की बाकी बची रकमपुर को नहीं लेते हैं बल्कि शेष रकम का कुछ हिस्सा लेकर लोन बंद कर देते हैं। रकम कितनी चुकानी होगी ये लोन लेने वाले और बैंक के बीच बातचीत पर निर्भर करता है। कई बार से इस रकम का मात्र 15 फ़ीसदी में भी सेटलमेंट हो जाता है। सेटलमेंट करने से सिबिल स्कोर खराब हो जाता है।
पुलिस में करें शिकायत
लोन न चुका पाने पर अगर रिकवरी एजेंट परेशान करें तो इसकी शिकायत पुलिस से करें। कोई भी बैंक या रिकवरी एजेंट सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक ही कॉल कर सकता है या घर/ऑफिस आ सकता है। कोई एजेंट धमकी नहीं दे सकता। अगर ऐसा करे तो इसकी शिकायत बैंक या पुलिस से करें।