अगर आप भी चलाते है एयरबैग वाली कार तो यहां जाने कौनसी गलतियां पड़ सकती हादसे के समय जान की दुश्मन

Saroj kanwar
3 Min Read

भारत से दुनिया भर में हर रोज बड़ी संख्या में सड़क हादसे होते हैं जिनमें कार सवाल लोगों को भी काफी ज्यादा चोटे लगती हैं। कार में एयरबैग जैसे बेहतरीन सेफ्टी फीचर होने के बाद भी हादसे के समय ज्यादा गंभीर चोट लगने का खतरा क्यों होता है। हम आपको इसकी जानकारी इस खबर में दे रहे हैं।

कार में क्यों होते हैं एयरबैग ।

कार में सफ़र को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए कंपनियों की ओर से एयरबैग दिए जाते हैं। कुछ कारों में दो तो कई कारो सात से ज्यादा एयरबैग भी दिए जाते हैं। वहीं कुछ कंपनियों की ओर से अपने कारों में स्टैंडर्ड तौर पर यह 6 एयरबैग दिए जाते हैं। हादसे के समय एयरबैग को एक जीवन रक्षक के तौर पर माना जाता है लेकिन अगर कुछ लापरवाही बरती जाए तो फिर एयरबैग के कारण गंभीर चोट लेने का खतरा भी बढ़ जाता है।

एयरबैग वाली कारों में सीट बेल्ट जरूरी है

वैसे तो कार में सफर करने से पहले ही सीट बेल्ट लगाना काफी जरूरी होता है। लेकिन अगर आपकी कार में एयरबैग है तो फिर सेट बेल्ट का उपयोग करना और भी जरूरी होगा।

कई बार सीट बेल्ट न लगाने के कारण हादसे के समय एयरबैग नहीं खुलते हैं और इससे कार सवार को अधिक चोट लग सकती है। इसलिए कार में सफ़र को शुरू करने से पहले सीट बेल्ट लगाना काफी जरूरी है।

डैशबोर्ड को रखे खाली

कुछ लोगों की आदत होती है की वह अपने कारों के डैशबोर्ड पर कई तरह की चीजों को रखते हैं। ऐसा करने से हादसे के समय नुकसान ज्यादा होता है। कार में एयरबैग डैशबोर्ड के अंदर भी दिए जाते हैं । हादसे के समय के काफी तेजी से खुलते हैं ऐसे में डैशबोर्ड पर रखा सामान भी एयरबैग के साथ यात्री के ऊपर आ जाते हैं जिसे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।

डेशबोर्ड पर ना रखें पैर

कार में लोग सफर के दौरान डैशबोर्ड पर पैर रख लेते हैं। हादसे के समय ऐसा करना और भी खतरनाक हो सकता है। अगर डैशबोर्ड पर पैर रखकर सफर किया जाए अगर अचानक हादसा हो जाए तो फिर एयरबैग खुलते हैं जिस कारण यात्री के पैर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोट लगने का खतरा हो जाता है।

ड्राइवर भी रखे ध्यान

कार में सफर के दौरान सिर्फ यात्रियों को नहीं ब्लल्कि ड्राइवर को भी एयरबैग वाली कार पर कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता ह। अगर हादसे के समय एयरबैग से पूरी सुरक्षा चाहते हैं तो फिर स्टेरिंग को 9 और 3 की स्थिति में पकड़ना चाहिए। इसके साथ ही कम से कम 10 इंच की दूरी रखनी चाहिए।

TAGGED: ,
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *