जाती प्रमाण पत्र एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो विभिन्न सरकारी योजना और लाभों का लाभ उठाने के लिए आवश्यक होता है। यह प्रमाण पत्र किसी व्यक्ति की जाति का प्रमाण देता है और आरक्षण ,शिक्षा ,रोजगार में सरकारी सेवा में विशेष सुविधाओं को प्राप्त करने में मदद करता है।
फिर से बनेंगे जाती प्रमाण पत्र
हाल ही में यह जानकारी सामने की कई जातियों के लोगों को दोबारा से जाति प्रमाण पत्र बनवाने की आवश्यकता पड़ सकती है। बिना जाति प्रमाण पत्र की कई सरकारी कार्य अट सकते हैं जिससे योजनाओं से सुविधाओं का लाभ उठाना संभव नहीं होगा।
प्रक्रिया होगी सरल
सरकार को यह से निश्चित करना चाहिए की जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो ताकि नागरिकों को बार-बार परेशानी का सामना न करना पड़े और वो समय से परियोजनाओं का लाभ उठा सके । कुछ जातियों के लिए जाति प्रमाण पत्र दोबारा बनवाना अनिवार्य है क्योंकि पहले जनजातियों को एससी प्रमाण पत्र बनना था उन्हें दो भागों में विभाजित कर दिया गया। इस बदलाव के तहत जातियों का डीएससी का प्रमाण पत्र बनवाना होगा ।
DSC प्रमाण पत्र
प्रभावित जातियों के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वे समय पर डीएससी प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं साथ ही सरकार को प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया को सरल तेज बनाना चाहिए ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। कई जातियों के लिए अब एससी प्रमाण पत्र के बजाय डीएससी प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य हो गया है। इन जातियों के लिए प्रक्रिया लागू की क्योंकिएससी प्रमाण पत्र को दो भागों में विभाजित कर दिया गया है। प्रभावित जातियों में शामिल है यह।
धानक , वाल्मीकि ,बंगाली , बरार-बुरार , बटवाल -बरवाला ,बोरिया -बावरिया ,बाजीगर ,बंजारा ,चनाल , दागी ,दारैन, ढहा ,धाय ,धर्मी , ढोंगरी ढोगरी, धांगरी, सिग्गी,डुमना, महाशा, डूम , गागरा ,गांधीला, गांडील गोंडोला ,कबीरपंथी, जुलाहा , खटीक ,कोरी, कोली ,मारिजा, मारेचा ,मजहबी, मजहबी सिख ,मेघ, मेघवाल, नट, बड़ी, ओड ,पासी ,पेरना ,फेरेरा ,सनहाई ,सनहाल , सांसी, भेड़कुट, मनेश,सनसोई ,सपेला, सपेरा,सरेरा ,सिकलीगर, बैरिया , सिरकीबंद।