किसान खेती के साथ पशुपालन करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। पशुपालन के रूप में गाय ,भैंस जैसे दुधारू पशुओं का पालन किया जाता है। ऐसे में जो किसान में पशुपालक गाय पालन करके अपनी आमदनी को बढ़ाना चाहते हैं। उनके लिए जरूरी है कि गाय की ऐसी उत्तम फसल का चुनाव करें ताकि उससे अधिक दूध प्राप्त किया जा सके। गाय की बहुत सी नस्ल अच्छा दूध का उत्पादन देती है इन्हीं में से एक नस्ल है साहीवाल।
साहिवाल को अधिक दूध देने की नस्ल माना जाता है
साहिवाल को अधिक दूध देने की नस्ल माना जाता है। यदि सही तरीके से गए कि इस नस्ल का पालन किया जाए तो यह रोजाना 10 से 16 किलोग्राम तक दूध का उत्पादन कर सकती है। साहीवाल अधिकांश रूप से राजस्थान और हरियाणा में अधिक पाई जाती है और यहां इनका पालन किया जाता है। यदि आप भी दूध के लिए गाय का पालन करना चाहते हैं या डेरी खोलना चाहते हैं तो साहिवाल गाय इसके लिए बहुत अच्छा चुनाव है।
गाय की नस्ल का पालन करके बेहतर दूध का उत्पादन कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं
किसान इस गाय की नस्ल का पालन करके बेहतर दूध का उत्पादन कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। खास बात यह है की देसी गाय की पालन के लिए सरकार की ओर से इसकी खरीद के लिए सब्सिडी भी दी जाती है। साहिवाल गाय की पहचान बहुत आसान है। इसकी शारीरिक बनावट सींग ,सर ,रंग से इसकी पहचान की जा सकती है । यहां हम साहिवाल गाय की पहचान के लिए प्रमुख बातों को बता रहे हैं जो इस प्रकार से है।
साहिवाल गाय की सींग छोटे और मोटे होते हैं। इसका सर चौड़ा होता है और शरीर का आकार मध्य होता है। इस नस्ल की गाय की गर्दन के नीचे लटकती हुई भारी चमड़ी होती है। साहिवाल गाय अधिकतर गहरे , भूरे या लाल रंग की होती है। इसके शरीर पर सफेद ,चमकदार धब्बे पाए जाते हैं। इस नस्ल की बेल के पीठ पर बड़ा कूबड़ होता है इसकी ऊंचाई 130 सेमी है। वही मादा की पीठ पर बने कूबड़ की ऊंचाई 120 सेमी है। इस नस्ल के बेस्ट का बिल का औसतन वजन 450 से 500 किलोग्राम तक होता है जबकि माता गाय का वजन 300 से 400 किलोग्राम होता है ।
यदि बात की जाए साहिवाल गाय की कीमत की तो इस नस्ल की गाय की कीमत करीब 40000 से ऊपर से लेकर ₹60000 के बीच होती है।
देसी गाय की खरीद के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन दिया जाता है
बता दें की कीमत है उसके दूध देने की क्षमता उम्र ,स्वास्थ्य आदि पर निर्भर करती है। इसी आधार पर इनकी खरीद फरोख्त की जाती है। देसी गाय की खरीद के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन दिया जाता है। यदि बात करें बिहार की तो यहां की सरकार गाय पालन को बढ़ावा देने की उद्देश्य से ‘देसी गोपालन प्रोत्साहन ‘योजना 2023 -24 चल रही है। इस योजना के तहत गाय/बाछी-हिफर डेयरी यूनिट लगाने के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। वहीं सामान्य वर्ग के किसानों को 50% सब्सिडी मिलती है। इसके अलावा 15 और देसी गाय /बाछी हीफर की डेयरी लगाने पर यूनिट पर सभी वर्गों को 40% सब्सिडी दी जाएगी।
साहिवाल गाय प्रमुख रूप से उत्तर भारत में पाई जाती है
साहिवाल गाय प्रमुख रूप से उत्तर भारत में पाई जाती है। इसका उद्गम स्थल पाकिस्तान पंजाब के पंजाब के मोंटगोमरी जिले और रावी नदी के आसपास का माना जाता है। गाय की नस्लों में सबसे अधिक दूध देने वाली यह नस्ल पंजाब की फिरोजपुर अमृतसर जिला में पाई जाती है। इसे फिरोजपुर जिले केफाजिलका और अबोहर कस्बे में शुद्ध साहिवाल गाय देखने को मिलती है। इसके अलावा राजस्थान के गंगानगर जिले में इस नस्ल की गाय पाली जाती है। आप इन जिलों से साहिवाल गाय की नस्ल प्राप्त कर सकते हैं।