करोड़ों प्राइवेट कर्मचारियों को मिली दुगनी खुशखबरी, दिवाली से पहले सैलरी में 6000 रुपए की वृद्धि

Saroj kanwar
3 Min Read

त्योहारी सीजन में देश के करोड़ों कर्मचारियों की चांदी होनेवाली है। क्योंकिअब कर्मचारियों की सैलरी में ₹6000 का इजाफा करने की तैयारी चल रही है यानी बेसिक सैलरी ₹15000 के स्थान पर ₹21000 करने का प्रस्ताव सोपा गया है। यही नहीं केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडवीया ने इस पर अपनी सहमति जताई थी। आपको बता दें कि अभी तक कर्मचारियों को बेसिक सैलरी के तौर पर ₹15000 मिलते हैं जिसे बढ़ाकर 21000 रुपए की करने की तैयारी कर रही है।

प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है

यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों के वेतन में बड़ा इजाफा हो सकता है तो चलिए आप सभी को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के नए अपडेट में अधिक विस्तार से बताते हैं। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक ,वित्त मंत्रालय बेसिक सैलरी बढ़ाने की योजना बना रहा है। यही नहीं लेबर मिनिस्ट्री ने सैलेरी लिमिट को मौजूदा 15000 से बढ़ाकर ₹21000 करने का प्रस्ताव दिया है। सैलेरी लिमिट बढ़ती है तो प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है।

एक दशक से कर्मचारी पेंशन योजना के लिए सैलेरी लिमिट ₹15000 है

जानकारी के मुताबिक ,1 सितंबर 2014 यानी करीब एक दशक से कर्मचारी पेंशन योजना के लिए सैलेरी लिमिट ₹15000 है। अब मिनिस्ट्री की ओर से इस पर जल्दी फैसला लिया जा सकता है। हालांकि KIS दिन यह ऐलान होगा इसके लिए कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं दिया गया है।

सैलेरी लिमिट का ₹15000 से 21000 रुपए किया जाना तय माना जा रहा

प्रस्ताव के मुताबिक सैलेरी लिमिट का ₹15000 से 21000 रुपए किया जाना तय माना जा रहा है। इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों को पेंशन और इपीएफ कंट्रीब्यूशन में इजाफा होगा। यदि सरकार प्रस्ताव पास कर देती है तो पेंशन अमाउंट बढ़ाया जाएगा। इस रिटायरमेंट के बाद ज्यादा पैसा कर्मचारियों को मिलेगा।

सैलेरी लिमिट में इजाफा होने से ज्यादा कर्मचारी इसकी jd में आएंगे

इसके अलावा सैलेरी लिमिट में इजाफा होने से ज्यादा कर्मचारी इसकी jd में आएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिवाली के दौरान निजी कर्मचारियों के कामकाज में भी बदलाव हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि वर्किंग घंटे बढ़ाकर वीकली सिर्फ चार दिन काम हो सकता है।

हालांकि पहले ही 22 राज्यों की सरकारों ने इस पर अपनी सहमती दी थी। लेकिन किसी वजह से अभी कुछ राज्य अपनी रजामंदी इस पर नहीं दे सकें हैं। इसलिए न्यू वेज कोड़ अभी तक लंबित पड़ा है।

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *