हमारे किसान भाई ज्यादातर कृषि क्षेत्र के लिए पारंपरिक पंप का उपयोग करते हैंजो किसानो पर आर्थिक बोझ डालते हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। समस्याओं को समाधान सोलर पंप के रूप में किया जा सकता है। सोलर पंप सौर ऊर्जा से चलते हैं जिससे बिजली और ईंधन की लागत में कमी आती है और पर्यावरण को नुकशान नहीं पहुंचाता है। यह किसानों को स्थाई ,सस्ती और स्वच्छ सिंचाई की सुविधा प्रदान करता है जिससे हमारे किसान भाई अपनी कृषि का विकास बेहतरीन तरीके से कर सकते हैं।
सोलर पंप जिसे सोलर वाटर पंप या सबंसिरबल पंप भी कहते हैं। खेती और सिंचाई के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है इसे चलाने के लिए सोलर पैनल और सोलर इनवर्टर की आवश्यकता होती है। सोलर पंप बिजली के बिना सौर ऊर्जा के माध्यम से काम करते हैं।
सोलर पंप मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।
डीसी पंप
डीसी पंप की कीमत थोड़ी अधिक होती है लेकिन यह पंप अधिक ऊर्जा दक्ष होते हैं।
AC पंप
AC पंप की कीमत कम होती है और यह आसानी से उपलब्ध होते हैं।
5 एचपी का सोलर पंप चलाने के लिए 5 किलो वाट के सोलर पैनल की जरूरत होती है जिससे यह पूरे दिन का सुचारु रूप से काम करते हैं। सोलर पैनल दो प्रकार के होते हैं। किसान अपनी आवश्यकताओं के और बजट के अनुसार इनमें किसी एक का चयन कर सकते हैं।
पॉलीक्रिस्टाइनल सोलर पैनल और मॉर्निंग क्रिस्टल पैनल
5 एचपी सोलर पंप की कुल लागत लगभग ढाई लाख रुपये हो सकती है एवं आसानी से मार्केट में उपलब्ध हो जाते है। किसानों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पंप पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के माध्यम से किसान सोलर पंप के पैनल कम कीमत पर स्थापित कर सकते हैं।इसके लिए किसान भाई सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्य सरकारी भी सोलर पंप पर अपनी ओर से सब्सिडी प्रदान करती है जिससे किसान इस तकनीक को आसानी से अपना सकते हैं। इसका लाभ उठा सकते हैं।
सोलर पंप का उपयोग न केवल किसानों की लागत कम करता है बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। जहां डीजल से चलने वाले पंप से कार्बन उत्सर्जन करते हैं। वहीं सोलर पंप पूरी तरह से प्रदूषण रहित होते हैं। सोलर पंप में निवेश एक दीर्घकालिक लाभ प्रदान करने वाला समझदारी पूर्ण निवेश माना जाता है जो किसानों के लिए टिकाऊ और लाभकारी समाधान है।