संक्रामक रोग विशेषज्ञ बुधवार को कहा की रेस्पिरेटरी ड्रोपलेट्स एमपॉक्स के प्रसार में भूमिका निभा सकते है। लेकिन कोरोना या यहां तक फ्लू जितना प्रभावी रूप से नहीं एम् पॉक्स का एक वायरल जेनेटिक बीमारी है जो मेनली मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्र में होती है और कभी-कभी अन्य क्षेत्र में भी फैल जाती है। यह बीमारी वर्तमान में अफ्रीका में फैल रही है जिसमें 14000 से ज्यादा मामले सामने आये है 524 मौते हुई और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वैश्विक स्वास्थ्य ।
आपातकाल घोषित किया है। उसके लक्षण या मुख्य रूप से बुखार ,सिर दर्द में और मांशपेशियों में दर्द के साथ-साथ त्वचा पर दर्दनाक फोड़े का कारण बनती है।
एमपॉक्स के लक्षण
यह त्वचा त्वचा के नजदीकी संपर्क के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार ,लंबे समय तक आमने-सामने बातचीत संक्रमण की जोखिम को बढ़ा सकती है। WHO का मानना है कि रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स कम दूरी के एमपॉक्स संक्रमण के कारण बन सकती है। कोचिम के अमृता अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग के प्रोफेसर और यूनिट के डॉक्टर दीपू TS ने बताया कि इससे पता चलता है कि रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स संक्रमण में भूमिका निभा सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस अंतरंग संपर्क और यौन संपर्क की तुलना में कम भूमिका निभाने वाला माना जाता है जो संक्रमण के प्राथमिक तरीके हैं।
लंबी दूरी तक संचारित होने की क्षमता की साथ
ऑस्ट्रेलिया में न्यू साऊथ वेल्स विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है की क्लेड 1 स्ट्रेन के कारण होने वाले मौजूदा प्रकोप ने डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो में बच्चों के 70% मामले में और 88 प्रतिशत मौतें दर्ज की हैं। शोधकर्ताओं ने कहा की ,डीआरसी महामारी में बच्चों की अधिकता से पता चलता है कि संक्रमण स्वसन के माध्यम से हो सकता है। वास्तव में चेचक और एमपॉक्स स्वशन वायरस है और एमपॉक्स की पहचान परिवेशी वायु की वायु में की गई है । अध्ययन से पता चला है कि वैरियोला वायरस अत्यधिक वायु जनित था। लंबी दूरी तक संचारित होने की क्षमता की साथ ।
,एमपॉक्स के आकस्मिक छोटी मुलाकात के दौरान फैलने की संभावना है
द लैंसेट माइक्रोब पत्रिका में प्रकाशित 2023 के अध्ययन में स्पेनिश शोधकर्ताओं कि एक टीम द्वारा किए गए अन्य अध्ययन से भी पता चलता है कि एमपॉक्स खराब हवादार घरो के कमरों के अंदर संक्रमण को जोखिम को बढ़ाता है। यूएस सीडीसी के हवाला देते हुए पीडी हिंदुजा राजस्थान शिक्षा अनुसंधान केंद्र के सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट महामारी विज्ञानी डॉक्टरलैंसलॉट मार्क पिंटो ने कहा कि ,’कीवर्ड ‘सबसे लंबे समय तक और ‘आमने-सामने ‘है । पिंटो ने बताया कि इनफॉरमेशन ज्यादातर संक्रामक वायु जनित वायरस के विपरीत ,एमपॉक्स के आकस्मिक छोटी मुलाकात के दौरान फैलने की संभावना है। उन्होंने कहा परिवार में संक्रम्स योन साथी से संक्रमण और देखभाल करने वाले से संक्रमण की संभावना बहुत ज्यादा है । इसलिए से मुलाकात में एक्स्ट्रा सुरक्षा की जरूरत होगी।