बारिश से फसलें गलने लगीं, किसानों को भारी नुकसान की आशंका

Saroj kanwar
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Mandsaur News: तहसील क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं। खेतों में पानी भरने से सोयाबीन, मक्का और उड़द जैसी खड़ी फसलें गलने लगी हैं। कई जगहों पर फसलों में पीलापन आ गया है और उनकी बढ़त रुक गई है। इससे उत्पादन पर बड़ा असर पड़ सकता है।

किसानों ने बताया कि इस बार मौसम ने शुरुआत से ही धोखा दिया। एक ही खेत में 2 से 3 बार बुवाई करनी पड़ी, क्योंकि पहली बार बीज अंकुरित नहीं हुए और दूसरी बार बारिश ने नुकसान कर दिया। इस कारण लागत तीन गुना तक बढ़ गई। खाद और बीज महंगे दामों में खरीदने पड़े और अब फसलें चौपट होने की स्थिति में हैं।

भानपुरा तहसील के संधारा, लेदी, ओसारा, कलाकोट, सानडा, ढाबला माधोसिंह, निमथुर, समेला, समेली, आकी, चौकी, बोरदा, मीठनखेड़ी, ड़ी, लोटखेड़ी, धनकपुरा, पांगा, बाबुलदा, ओसरना जैसे गांवों में खेतों में पानी भरा हुआ है। कई किसानों को तो अब तक बुवाई का मौका ही नहीं मिल पाया।

किसानों का कहना है कि लगातार बारिश से खेतों की उपजाऊ मिट्टी बह गई है। सोयाबीन की फसल पूरी तरह गल चुकी है। अब उम्मीद है कि कुल उत्पादन का सिर्फ 25% ही मिल पाएगा। इससे न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि परिवार चलाने की स्थिति भी संकट में आ गई है।

कारूलाल पाटीदार, गोपालदास बैरागी, सत्यनारायण विश्वकर्मा, ईश्वरलाल पाटीदार, किशोर राठौड़, कन्हैयालाल गामी, कैलाश पाटीदार, बद्रीलाल गामी जैसे कई किसानों ने सरकार से समय पर मुआवजा और फसल बीमा राशि दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो उन्हें कर्ज में डूबना पड़ेगा। सरकार से जल्द राहत की उम्मीद जताई गई है।

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