मध्य प्रदेश में 55 हजार प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के निर्माण और मेंटेनेंस का होगा ऑडिट, खराब निर्माण वाली बिल्डिंगों से बच्चों को किया जाएगा शिफ्ट

Saroj kanwar
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मध्य प्रदेश में 55000 से अधिक मिडिल और प्राइमरी स्कूलों में हुए निर्माण कार्य का ऑडिट किया जाएगा। खराब निर्माण वाले स्कूलों को चिन्हित कर वहां से बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। इस बारे में विभाग में योजना बनाने के निर्देश मंत्री द्वारा दिए गए हैं। मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग के अधिकारी इसकी तैयारी कर रहे हैं। इसके तहत तीन हिस्से देखे जाएंगे।
 जिनमें पहले स्कूल बिल्डिंग की छत जिससे बच्चों को सबसे अधिक खतरा होता है।

दूसरे में स्कूल का शौचालय और उसकी छत।


तीसरा बाउंड्री वॉल की जांच की जाएगी।

इन तीनों में ही हादसों की संभावना अधिक रहती है। साथ ही इंजीनियरिंग विंग को भी मजबूत करने की तैयारी होगी।
 मिली जानकारी अनुसार अभी मध्य प्रदेश में विभाग के अंदर करीब 400 इंजीनियर बच्चे हैं और पूरा काम इन्हीं के भरोसे पर है।


जिसमें मध्य प्रदेश के 80 से अधिक स्कूलों में छत टपकने और प्लास्टर गिरने की शिकायत मिली है। ऐसा हर साल होता है परंतु स्कूलों को मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है। इसके कारण यह भी है कि जहां इंजीनियर नहीं है वहां एकेडमिक काम देखने वाले डीपीसी एपीसी या फिर बीआरसी निर्माण कार्य को देखते हैं। विभाग अब इंजीनियर की भर्ती नहीं कर रहा है।


राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल में चार इंजीनियर जिनमें से एक का हो चुका है ट्रांसफर

भोपाल राज्य शिक्षा केंद्र में इस समय कुल 4 इंजीनियर बच्चे हैं, जिन में से एक का ट्रांसफर भी किया जा चुका है। रिलीव होने के पश्चात दो अटैच इंजीनियर रह जाएंगे। आपको बता दें कि राज्य शिक्षा केंद्र की इंजीनियरिंग के तहत जिला सत्र पर दो और प्रत्येक ब्लॉक में दो इंजीनियर वर्तमान कार्यरत है।

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