आज से 32 साल पहले जब पीएम मोदी ने ली थी कसम ,राम मंदिर बनने पर ही आऊंगा वापस ,सामने आयी तश्वीर

Saroj kanwar
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अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को देखकर तैयारियां जोरों पर राम मंदिर ट्रस्ट और राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार 22 जनवरी को यादगार पल बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं और आम लोगों से इस कार्यक्रम को जोड़ रहे हैं। इस बीच मोदी अर्काइव नाम के ट्विटर हैंडल से 32 साल पहले की कुछ तस्वीर शेयर किए गए जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या में पूजा अर्चना करते हुए नजर आ रहे हैं।

जन्म भूमि पर एक भव्य मंदिर मेंपुनर्स्थापित किया गया है

बता दें कि 1992 में 15 जनवरी को पीएम मोदी मनोहर जोशी के साथ अयोध्या में राम मंदिर पहुंचे थे। उस वक्त बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ पीएम मोदी कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक एकता का संदेश फैलाने के लिए एकता यात्रा कर रहे थे। इन तस्वीरों को शेयर करने के साथ यह दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे वक्त यह श्री राम के नारों के बीच प्रतिज्ञा ली थी कि राम मंदिर बनने पर ही वह यहां वापस आएंगे।

इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा गया है कि अंत में नरेंद्र मोदी सरकार की तपस्या फलीभूत हुई इसके आलावा यह भी लिखा गया है कि अगणित हिंदुओं की सदियों की दृढ़ता के बाद भगवान श्री राम को उनकी जन्म भूमि पर एक भव्य मंदिर मेंपुनर्स्थापित किया गया है।

पीएम मोदी ने खाई थी कसम

यह 15 जनवरी 1992 की बात है जब पीएम मोदी ने अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान भगवान राम को समर्पित मंदिर का निर्माण पूरा होने पर ही वापस लौटने की कसम खाई थी। उस दिन उन्होंने जय श्री राम के नारे लगे और भगवान राम की पूजा में भाग लिया जिन्हें तब एक स्थायी तंबू में रखा गया था मीडिया कर्मियों इस क्षण को पकड़ लिया जब मोदी ने घोषणा की कि वह मंदिर बनने के बाद ही वापस आएंगे।

सोशल मीडिया इस ऐतिहासिक अवसर की पुनरावृत्ति ने महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है। पोस्ट में बताया गया कि कैसे भारत के साथ कश्मीर का एकीकरण जनसंघ और भाजपा द्वारा स्वतंत्रता के बाद का प्रयास था जो पीएम मोदी के नेतृत्व में सफलता में तब्दील हुआ। अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने की दिशा में पहला कदम शिलान्यास था। पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2020 को भगवान राम की जन्म भूमि माने जाने वाले स्थान पर एक भव्य मंदिर के आधारशिला रखी। 9 नवंबर 2019 को दिए गए एक सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के बाद पीएम मोदी ने आधारशिला रखी थी जिसमें विवादित भूमि को सरकार द्वारा गठित ट्रस्ट को सपने सौंपने का आदेश दिया गया।

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