मान्यता अनुसार सप्ताह का हर दिन किसी देवी देवता को समर्पित होता है। सोमवार का दिन महादेव का दिन कहा जाता है तो मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा होती इसी तरह शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा होती है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी की पूजा करती है वैभव लक्ष्मी प्रसन्न होती है तो जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है।
11 या 21 शुक्रवार का व्रत रखने के लिए कहा जाता है
शुक्रवार के दिन भक्त दूसरों के लिए व्रत रखते हैं जो इस दिन मुख्य रूप से शाम से समय पूजा की जाती है। यहां जानिए शुक्रवार के दिन किस तरह मां लक्ष्मी की पूजा की जा सकती है जिस मां लक्ष्मी की कृपा मिले और घर परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। शुक्रवार की पूजा के लिए जो व्रत रख रहे हैं उन्हें 11 या 21 शुक्रवार का व्रत रखने के लिए कहा जाता है। शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ स्वस्थ धारण करने के लिए कहा जाता है।
इसके पश्चात भक्त चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बेचकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजित करते हैं। इसके बाद माता को श्वेत या लाल रंग की पुष्प स्थापित किए जाते हैं। और व्रत का संकल्प लिया जाता है। पूजा में अक्षत ,फल ,फूल और कमल गट्टा चढ़ाए जाते हैं और घी का दीपक जलाकर माता की आरती की जाती है। मां लक्ष्मी की पूजा करते हुए लक्ष्मी बीज मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है।
वैभव लक्ष्मी के लिए रखे गए व्रत में दिन भर निराहार रहा जाता है
वैभव लक्ष्मी के लिए रखे गए व्रत में दिन भर निराहार रहा जाता है और शाम के समय भोजन ग्रहण करते हैं। कहते हैं इस दिन मन और शरीर को शुद्ध रखना चाहिए और बुरे विचारों को मन में आने से रोकता है। इसलिए इस दिन को दुख न पहुंचना और कोमल बनाये रखना भी जरूरी है।