सांप सर्दियों में पड़े रहते बिलों में और गर्मियों में क्यों निकल आते हैं बाहर ,,यहां जाने क्यों हो जाते है सबको काटने पर उतारू

Saroj kanwar
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क्या आपने कभी सोचा कि आखिर गर्मी के दिनों में ही सांप अपने बिलों से बाहर क्यों निकालते हैं। इस मौसम में सांप काटने की घटना आखिर क्यों बढ़ जाती है। सांप कोल्ड ब्लडेड यानी ठंडे खून वाली जानवर है इसका मतलब यह है कि वह अपने शरीर का तापमान खुद मेंटेन नहीं कर सकते हैं। ठंड के दिनों में पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलने से सांप का मेटॉबॉलिज्म बहुत स्लो हो जाता है। इसलिए वह ना तेजी से भाग सकते हो और ना ही शिकार कर सकते हैं। इसलिए ज्यादातर वक्त सोते हुए और कोशिश करते हैं कि जो एनर्जी इख्ठा की है उसे स्टोर कर के रखे।

बढ़ते ही सांप अपने बिल से बाहर निकल आते हैं

पर गर्मी शुरू होये ही और तापमान बढ़ते ही सांप अपने बिल से बाहर निकल आते हैं। क्योंकि गर्मी के दिनों में सांप को पर्याप्त एनर्जी मिलती है। उनका मेटॉबॉलिज्म में बूस्ट हो जाता है इसलिए वह हाइपर एक्टिव हो जाते हैं । शिकार की तलाश में निकलते हैं और प्रजनन भी करते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि तापमान बढ़ने के साथ सांप का शरीर भी गर्म होने लगता है जिससे उनकी मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए तापमान में बढ़ोतरी के साथ-साथ ठंडी जगह की तलाश में अपने बिल की से बाहर आ जाते हैं और रिहायशी इलाको के आसपास दिखने लगते हैं।

80 फीसदी से ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों के होते हैं

sciencedaily.com के मुताबिक गर्मी के दिनों में दैनिक तापमान में प्रत्येक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के साथ सांप के काटने का चांस लगभग 6% बढ़ जाता है भारत में हर साल 58000 से ज्यादा लोगों की मौत सांप काटने की वजह से होती है। स्नेक बाइट यानी सांप काटने की घटना और आंकड़ों पर नजर डालें तो पता लगता है की सबसे ज्यादा केस अप्रैल से अक्टूबर के बीच सामने आते हैं । स्नेक बाइट की 80 फीसदी से ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों के होते हैं।

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