शनि देव या राहु कौन है दोनों में श्रेष्ठ ,यहां क्यों कहते है राहु को मायावी

Saroj kanwar
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सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिष कुंडली देखकर व्यक्ति विशेष जीवन की पूरी जानकारी देते हैं। इससे करियर ,कारोबार, प्रेम विवाह ,शिक्षा स्वास्थ्य आदि की जानकारी मिल जाती है। कुंडली में ग्रहों को दो भागों में बांटा गया है। कुंडली में शुभ ग्रह की मजबूत होने पर जातक के जीवन में सुखों का आगमन होता है वही अशुभ ग्रहों की प्रभाव के चलते जातक को जीवन में विशेष परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता है मायावी ग्रह राहुल और न्याय देवता शनि देव में से कौन सर्वश्रेष्ठ है। इसके बारे में यहां जानते हैं

शनि देव न्याय के देवता

शनि देव आत्मा के कारक सूर्य देव और माता छाया के पुत्र है। शनि देव मकर और कुंभ राशि के स्वामी ही तुला राशि में शनि देव उच्च के होते हैं। एक राशि में शनि देव ढाई साल तक गोचर करते हैं। इसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। शनि की महादशा को 19 साल की होती है। शनि देव न्याय के देवता है। यह वरदान भगवान शनि देव को भगवान शिव से प्राप्त हुआ है। अच्छे कर्म वाले जातकों को शनिदेव शुभ फल देते हैं। वहीं बुरे कर्म करने वाले जातकों को शनिदेव दंड देते हैं। शनि देव को मोक्ष का प्रदाता भी कहते हैं। ज्योतिष की मान्यता कुंडली में शनि देव की को दृष्टि पढ़ने से जातक होगई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए ज्योतिष जाटव को अच्छे कर्म करने की सलाह देते हैं। वहीं कुंडली में शनि मजबूत होने पर जातकों को अल्प श्रम और समय में धनवान बन जाता है ।

मयावी ग्रह राहु

ज्योतिष राहुल केतु को मायावी ग्रह मानते है मायावी ग्रह वृषभ राशि में उच्च के होते हैं। वहीं कई ज्योतिषों का मानना है कि राहु मिथुन राशि में उच्च के होते हैं। राहु एक राशि में डेढ़ साल तक रहते हैं इसके बाद वक्री चाल चल चलकर दूसरी राशि प्रवेश करते हैं। शुभ ग्रहों के साथ रहने पर राहु का राहु का बुरा प्रभाव जातक को पड़ता है। सूर्य ,गुरु और चंद्रमा के साथ राहु की युति होने पर जातक को मुश्किलों का सामना करना पड़ता जाता है और सभी शुभ कार्य बाधा का सामना करना पड़ता है।

राहु की महादशा 18 साल की होती है। मायावी ग्रह राहु काअशुभ प्रभाव बढ़ने पर देखने को मिल जाता है फैसले लेने में असफल रहता है कई बार जाता है अपने जीवन में गलत फैसले लेता है। इससे जातको को काफी नुकसान होता है। वहीशुभ प्रभाव पड़ने से जातक की अपने जीवन में धनवान बनता है। कुल मिलाकर कहे तो शनि देव न्याय के देवता है तो कर्म के अनुसार फल देते हैं। वही मायावी ग्रह राहु की कृपा किसी विशेष व्यक्ति पर पड़ती है।

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