FD Rates: भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस वर्ष अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मौद्रिक नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। केंद्रीय बैंक ने फरवरी माह में रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत कम करके 6.25 प्रतिशत किया था, जिसके बाद अप्रैल में पुनः 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई। इस प्रकार दो महीने के अंतराल में रेपो रेट 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.00 प्रतिशत हो गया है।
रेपो रेट में यह कमी बैंकिंग क्षेत्र पर सीधा प्रभाव डालती है। जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों को रिज़र्व बैंक से सस्ती दर पर पैसा मिलता है, जिससे वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं। इसके विपरीत, बैंक अपनी जमा योजनाओं पर भी ब्याज दर कम कर देते हैं, जिससे एफडी निवेशकों को प्रभावित होना पड़ता है।
सरकारी बैंकों की एफडी दरें
सरकारी बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक है और इसकी शाखाएं देश के कोने-कोने में फैली हुई हैं। वर्तमान में एसबीआई 12 महीने की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.5 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों को 7.0 प्रतिशत का लाभ मिल रहा है। यह दर अपेक्षाकृत कम है, लेकिन बैंक की विश्वसनीयता और व्यापक नेटवर्क के कारण कई निवेशक इसे प्राथमिकता देते हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा, जो बाजार पूंजीकरण के आधार पर देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, अपेक्षाकृत बेहतर दर प्रदान कर रहा है। यह बैंक 12 महीने की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.8 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.30 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। यह दर एसबीआई की तुलना में 0.3 प्रतिशत अधिक है, जो एक महत्वपूर्ण अंतर है।
पंजाब नेशनल बैंक भी एक प्रमुख सरकारी बैंक है जो मध्यम आकार के निवेशकों में लोकप्रिय है। यह बैंक 12 महीने की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.7 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.20 प्रतिशत का ब्याज प्रदान कर रहा है। पीएनबी की दर बैंक ऑफ बड़ौदा से थोड़ी कम है, लेकिन एसबीआई से अधिक है।
निजी बैंकों की आकर्षक दरें
निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक की स्थिति देखी जाए तो यह 12 महीने की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.6 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.1 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। एचडीएफसी बैंक अपनी तकनीकी सुविधाओं और ग्राहक सेवा के लिए प्रसिद्ध है, जिससे कई निवेशक इसे प्राथमिकता देते हैं। हालांकि इसकी दर कुछ सरकारी बैंकों से कम है, लेकिन सेवा की गुणवत्ता के कारण यह आकर्षक विकल्प बना रहता है।
आईसीआईसीआई बैंक की बात करें तो यह 12 महीने की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.7 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.2 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। यह दर एचडीएफसी बैंक से 0.1 प्रतिशत अधिक है और कई सरकारी बैंकों के बराबर है। आईसीआईसीआई बैंक अपनी डिजिटल सेवाओं के लिए जाना जाता है और युवा निवेशकों में इसकी लोकप्रियता अधिक है।
एक्सिस बैंक भी प्रमुख निजी बैंकों में शामिल है और यह 12 महीने की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.7 प्रतिशत तथा वरिष्ठ नागरिकों को 7.2 प्रतिशत का ब्याज प्रदान कर रहा है। एक्सिस बैंक की दर आईसीआईसीआई बैंक के समान है और यह निवेशकों को अच्छे विकल्प प्रदान करता है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष लाभ
सभी बैंकों में एक समान नीति यह है कि वरिष्ठ नागरिकों को सामान्य नागरिकों की तुलना में 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज दिया जाता है। यह अतिरिक्त ब्याज वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकारी नीति का हिस्सा है। 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति इस अतिरिक्त लाभ के हकदार होते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे अच्छी दर बैंक ऑफ बड़ौदा में 7.30 प्रतिशत मिल रही है, जो अन्य बैंकों की तुलना में 0.1 से 0.3 प्रतिशत अधिक है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक में 7.20 प्रतिशत की दर मिल रही है। एचडीएफसी बैंक में 7.1 प्रतिशत और एसबीआई में 7.0 प्रतिशत की दर है।
तुलनात्मक विश्लेषण और चुनाव
सामान्य नागरिकों के लिए सबसे अच्छी दर बैंक ऑफ बड़ौदा में 6.8 प्रतिशत मिल रही है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक में 6.7 प्रतिशत की समान दर है। एचडीएफसी बैंक में 6.6 प्रतिशत और एसबीआई में 6.5 प्रतिशत की दर है। केवल ब्याज दर के आधार पर देखें तो बैंक ऑफ बड़ौदा सबसे आकर्षक विकल्प लगता है।
हालांकि, एफडी का चुनाव केवल ब्याज दर के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। बैंक की स्थिरता, सेवा की गुणवत्ता, शाखाओं की उपलब्धता, और डिजिटल सुविधाओं जैसे कारकों पर भी विचार करना आवश्यक है। सरकारी बैंक अधिक सुरक्षित माने जाते हैं, जबकि निजी बैंक बेहतर सेवा प्रदान करते हैं।
निवेश से पहले महत्वपूर्ण सुझाव
एफडी में निवेश करने से पहले विभिन्न बैंकों की दरों की तुलना करना आवश्यक है। केवल 0.1 या 0.2 प्रतिशत के अंतर के लिए अपरिचित बैंक का चुनाव करना उचित नहीं है। साथ ही, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ब्याज दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं और भविष्य में रेपो रेट की स्थिति के आधार पर इनमें और बदलाव हो सकते हैं।
वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों में ब्याज दरों में और कमी की संभावना है, इसलिए लंबी अवधि के लिए एफडी करने से पहले सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। यदि आप मानते हैं कि भविष्य में दरें और गिर सकती हैं, तो छोटी अवधि की एफडी बेहतर विकल्प हो सकती है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी वित्तीय सलाह का विकल्प नहीं है। ब्याज दरें बैंकों द्वारा समय-समय पर बदली जा सकती हैं। निवेश करने से पहले संबंधित बैंक से वर्तमान दरों की पुष्टि करें और अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही विकल्प चुनें।