किसान क्रेडिट कार्ड लोन किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती और संबंधित कार्यों के लिए त्वरित और सस्ती दरों पर वित्तीय सहायता प्रदान करना है। हालाँकि अगर किसान किस्ते चुकाने में असमर्थ रहते हैं तो बैंक उन्हें नोटिश जारी कर सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि KCC से लोन बैंक नोटिस कब जारी करता और इसके बाद किसान पर क्या कार्यवाही हो सकती है।
जब कोई किसान केसीसी लोन लेता है तो उसे लोन की राशि और उसे पर लगने वाली ब्याज को समय पर चुकाने की जिम्मेदारी होती है। अगर किसान नियमित रूप से ही मैं यह ब्याज की राशि नहीं चुकाता है तो बैंक उसे एक निश्चित अवधि तक इंतजार करता है। लेकिन अगर किसान कई महीनो तक लोन की राशि या ब्याज नहीं चुकाता है तो उसे बैंक उसे नोटिस जारी करता है। तब बैंक 90 दिनों से ज्यादा लोन का भुगतान नहीं करता है तो बैंक द्वारा पहला नोटिस जारी किया जाता है इसे NPA (Non-Performing Asset) स्थति कहते है। जहां लोन स्थिति को गैर निष्पादित संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया है।
बैंक द्वारा नोटिस जारी करने की स्थिति:
EMI का लगातार 3 महीने तक भुगतान न होना।
ब्याज की राशि लंबे समय तक न चुकाना।
बैंक द्वारा दी गई अवधि में भी भुगतान न करना।
जब किसान बैंक द्वारा नोटिस जारी किया जाता है तो यह बैंक की चेतावनी के रूप में होता है कि वह अपनी बकाया राशि को जल्द से जल्द चुकाए। अगर किसान बैंक उनके नोटिस का जवाब नहीं देता है ये लोन की राशि का भुगतान नहीं करता है तो बैंक द्वारा कई प्रकार की कार्यवाही की जा सकती है।
बैंक की संभावित कार्यकारी।
किसान की सम्पति पर कब्जा
यदि किसान निर्धारित लोन की राशि नहीं चुकाता है तो बैंक क़ानूनी रूप से उसकी सम्पति पर कब्जा कर सकते है। बैंक के पास ये अधिकार होता है कि वह किसान की जमीन या अन्य संपत्तियों को जप्त कर सकता है।
सिविल कोर्ट में केस
बैंक किसान के खिलाफ सिविल कोर्ट में केस दर्ज कर सकता है। यदि कोई कोर्ट की फैसले में किसान को दोषी पाया जाता है तो उसे अपनी संपत्ति बेचकर आने तरीके से लोन चुकाना पड़ सकता है।
क्रेडिट स्कोर पर असर
लोन चुकाने की स्थिति में किसान का क्रेडिट स्कोर पर प्रभावित हो सकता है जिससे भविष्य में उसे किसी भी प्रकार की लोन प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है । यह उसकी वित्तीय विश्वसनीयता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
कानूनी नोटिस और वसूली एजेंसियों का हस्तक्षेप
बैंक किसान को कई बार कानूनी नोटिस भेज सकता है, और अगर फिर भी लोन का भुगतान नहीं किया जाता है, तो बैंक वसूली एजेंसियों की मदद ले सकता है, जो किसान से लोन की राशि वसूलने में सहायता करती हैं।
किसान को नोटिस मिलने पर क्या करना चाहिए?
यदि किसान को बैंक से KCC लोन का नोटिस प्राप्त होता है, तो उसे तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी या वित्तीय समस्या से बचा जा सके। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं:
बैंक से संपर्क करें
नोटिस मिलने के तुरंत बाद किसान को अपने बैंक की नजदीकी शाखा में जाकर संपर्क करना चाहिए और अपने लोन की स्थिति के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। कई बार बैंक आपको लोन रिस्ट्रक्चरिंग या विस्तारित अवधि देने का विकल्प भी प्रदान कर सकता है।
लोन रीपेमेंट का प्लान बनाएं
अगर किसान के पास तुरंत लोन चुकाने की क्षमता नहीं है, तो वह बैंक से एक नए रीपेमेंट प्लान पर चर्चा कर सकता है, जिससे उसे लोन चुकाने में सुविधा हो।
वित्तीय परामर्श लें
यदि किसान को लोन चुकाने में परेशानी हो रही है, तो उसे किसी वित्तीय परामर्शदाता की मदद लेनी चाहिए, जो उसकी आर्थिक स्थिति को समझकर उसे सही दिशा में मार्गदर्शन कर सके।