कहते हैं जब घर में देवी देवता विराजमान होते हैं तो उनकी पूजा पाठ करने के साथ थी उन्हें भोग लगाने का विशेष महत्व है। शास्त्रों में तो कहा गया है की देवी देवताओं को दिन में चार बार भोग जरूर लगाना चाहिए और जो हम घर में खाते हैं । सात्विक तरीके से उसी को बनाकर भगवान को अर्पित करना चाहिए। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम भगवान को भोग अर्पित करते हैं तो इसका सही तरीका क्या है और कितनी देर तक हमें भगवान के समक्ष भोग रखना चाहिए।
खाना खाने या भोग ग्रहण करने में इतना ही समय लगता है
अमूमन हमें खाने में 5-10 या मिनट 15 मिनट लगता है ऐसे मुझे भगवान को भोग लगाते हैं तो उनके समक्ष लगाया वह कभी तुरंत नहीं हटना चाहिए ना ही इसे बहुत देर तक सामने रखना चाहिए। भोग को 10 15 मिनट बाद उनके सामने से हटा ले जिस तरीके से हम खाना खाते हैं उसे तरीके से भगवान को भी खाना खाने या भोग ग्रहण करने में इतना ही समय लगता है ।
आप 10 या 15 मिनट बाद भोग को हटाकर इस वितरित करें
ऐसे में आप 10 या 15 मिनट बाद भोग को हटाकर इस वितरित करें। वही बांटने का नियम कहता है कि आप जितनी ज्यादा लोगों को भगवान का भोग को वितरित करते हैं उतना ही ज्यादा फल आपको मिलता है। जब आप भगवान को भोग लगाते हैं तो सबसे जरूरी होता है कि उनका भोग शुद्धता के साथ बनाया हुआ हो। इतना ही नहीं भोग लगाते समय आपको मंत्र का जाप करना चाहिए।
चांदी ,ताम्बे , पीतल या सोने या मिट्टी से बने पत्र में भोग अर्पित करें
याद रखें की भोग लगाते समय आपको भगवान को चांदी ,ताम्बे , पीतल या सोने या मिट्टी से बने पत्र में भोग अर्पित करें । यह धातुएँ शुद्ध मानी जाती है। एल्यूमिनियम ,लोहा ,स्टील ,प्लास्टिक या कांच के बर्तन में भोग लगाने की गलती बिल्कुल भी ना करें।